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स्पाइसजेट और एयर इंडिया के पास एएआई को भुगतान करने के लिए सबसे अधिक बकाया है
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि एयर इंडिया और स्पाइसजेट पर इस साल सितंबर तक एएआई को क्रमशः 2,350 करोड़ रुपये और 185 करोड़ रुपये का बकाया है।
- पीटीआई
- आखरी अपडेट:दिसंबर 06, 2021, 17:49 IST
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नई दिल्ली: एयर भारत नागर विमानन राज्य मंत्री वीके सिंह ने सोमवार को कहा कि इस साल सितंबर तक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) का स्पाइसजेट और स्पाइसजेट का क्रमश: 2,350 करोड़ रुपये और 185 करोड़ रुपये बकाया है। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सिंह ने कहा, “कुछ एयरलाइनों ने अपनी बकाया राशि की निकासी में चूक की है।”
उन्होंने उल्लेख किया कि एएआई अपनी क्रेडिट नीति के अनुसार बकाया की वसूली के लिए एयरलाइनों के साथ नियमित रूप से संपर्क करता है। उन्होंने कहा कि दंडात्मक ब्याज वसूलना, जमानत राशि का नकदीकरण और कानूनी कार्रवाई करना एएआई के पास बकाया की वसूली के लिए उपलब्ध अन्य उपाय थे।
एएआई के पास देश भर में करीब 125 हवाईअड्डे हैं। एयरलाइंस को नियमित रूप से अपने हवाई अड्डों से विमान संचालित करने के लिए एएआई को लैंडिंग शुल्क और पार्किंग शुल्क जैसे विभिन्न शुल्कों का भुगतान करना पड़ता है। मंत्री ने कहा कि सितंबर 2021 तक एयर इंडिया, एलायंस एयर, स्पाइसजेट और गो एयर (जिसे अब गो फर्स्ट कहा जाता है) का बकाया क्रमशः 2,350 करोड़ रुपये, 109 करोड़ रुपये, 185 करोड़ रुपये और 56 करोड़ रुपये था।
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