वलसाड जिले के पारडी तालुका के मोतीवाला रेलवे फाटक के पास स्थित एक वाड़ी में 14 नवंबर को B.Com सेकंड ईयर की छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस ने 11वें दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।पुलिस ने जब आरोपी को पकड़ा, तो उसने विदेशी कंपनी के 10,000 रुपये कीमत के जूते पहने हुए थे। हालांकि, जांच में यह संदेह है कि यह जूते भी उसने ट्रेन में किसी यात्री से चुराए थे। यह भी सामने आया है कि आरोपी के खिलाफ अलग-अलग पुलिस थानों में 10 से अधिक मामले दर्ज हैं। इस घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है, और आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
आरोपी वापी रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में नजर आया था।
विद्यार्थिनी के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी को पकड़ने के लिए 10 दिनों से पुलिस लगातार कोशिश कर रही थी। वापी रेलवे स्टेशन के फुटेज चेक करने पर पुलिस को एक संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दिया। जब इस संदिग्ध की गहराई से जांच की गई, तो पता चला कि यह व्यक्ति बाहरी राज्य का हो सकता है। इस संभावना को देखते हुए, पुलिस ने राज्य के बाहर भी अपराधी को पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू की।
अपराधी पुलिस की पकड़ से बचने में सफल हो गया। वापी रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध व्यक्ति के दिखने की पुष्टि होने के बाद, पुलिस ने रेलवे पुलिस की भी मदद ली। रेलवे पुलिस की टीम ने भी सतर्कता बरतते हुए लगातार निगरानी रखी, जिससे आखिरकार अपराधी की पहचान और गिरफ्तारी संभव हो सकी।
पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
रविवार देर रात, वापी रेलवे स्टेशन के पार्किंग एरिया में सीसीटीवी फुटेज में दिखाई देने वाला संदिग्ध व्यक्ति, जो एक पैर से लंगड़ाकर चल रहा था, जीआरपी (रेलवे पुलिस) की टीम के हत्थे चढ़ गया। उसे पकड़ने के बाद वलसाड पुलिस को सौंपा गया। पूछताछ के दौरान, आरोपी ने दुष्कर्म और हत्या का अपराध स्वीकार कर लिया।
वलसाड पुलिस को पहले ही जानकारी मिल चुकी थी कि यह संदिग्ध व्यक्ति हरियाणा का रहने वाला है। पुलिस हरियाणा में उसकी तलाश के लिए गई थी, लेकिन वहां उसका कोई सुराग नहीं मिला। आरोपी के भागने का डर था, इसलिए पुलिस ने यह जानकारी गुप्त रखी और निजी तौर पर जांच जारी रखी। आखिरकार, रविवार रात को पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।
आरोपी के खिलाफ 10 से अधिक अपराध दर्ज हैं।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपी हरियाणा का मूल निवासी है और फिलहाल घुमंतु जीवन जी रहा था। उसकी आपराधिक प्रवृत्ति का आरंभ बचपन से हुआ, जब वह चौथी कक्षा में पढ़ाई करते समय पहली बार एक साइकिल की चोरी में शामिल हुआ। इसके बाद उसने चोरी और अन्य आपराधिक गतिविधियों को अपनी आदत बना लिया।
विशेष रूप से, वह रात में ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के महंगे सामान की चोरी करता था। गिरफ्तारी के समय, उसने एक विदेशी कंपनी के 10,000 रुपये कीमत के जूते पहने हुए थे। जांच में शक है कि ये जूते भी उसने किसी यात्री से ट्रेन में चुराए थे।
इसके अलावा, यह सामने आया है कि आरोपी के खिलाफ अलग-अलग पुलिस थानों में 10 से अधिक मामले दर्ज हैं, जो उसके शातिर अपराधी होने की पुष्टि करता है।
घटना क्या थी?
घटना के विवरण में जाएं तो
वलसाड जिले के पारडी तालुका के उदवाड़ा रेलवे स्टेशन के पास मोतीवाला फाटक के पास रहने वाले एक श्रमिक परिवार की बीकॉम सेकंड ईयर में पढ़ने वाली छात्रा 14 नवंबर को ट्यूशन के लिए गई थी। लेकिन वह वापस घर नहीं लौटी।परिवार ने उसकी तलाश शुरू की और इसी दौरान मोतीवाला फाटक के पास स्थित एक आम की बाड़ी में छात्रा की लाश संदिग्ध हालत में पाई गई। शव मिलने के बाद परिवार के सदस्य तुरंत छात्रा को इलाज के लिए पास के अस्पताल ले गए, लेकिन वहां मौजूद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
यह घटना बेहद चौंकाने वाली और दर्दनाक थी, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म और हत्या का खुलासा घटना की जानकारी मिलने पर पारडी पुलिस की टीम ने तुरंत छात्रा के शव को कब्जे में लेकर पैनल पोस्टमार्टम के लिए सूरत भेजा। पैनल पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि युवती के साथ दुष्कर्म किया गया और गला दबाकर उसकी हत्या की गई। इस खुलासे के बाद पारडी पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
इस केस में वलसाड के एसपी करणराज वाघेला के मार्गदर्शन में डिप्टी एसपी ए.के. वर्मा और बी.एन. दवे के नेतृत्व में वलसाड की एलसीबी (लोकल क्राइम ब्रांच), एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप), और वलसाड जिला पुलिस की कुल 10 टीमें जांच में जुट गईं। इन टीमों ने मिलकर इस गंभीर मामले की तह तक पहुंचने के लिए तेजी से कार्रवाई की।
चालियों और GIDC में जांच की गई थी
पुलिस टीम ने घटना स्थल और आसपास की चालियों में रहने वाले लोगों की जांच शुरू की। लगभग 22 से अधिक चालियों में रहने वालों की उपस्थिति और अनुपस्थिति की सटीक जांच की गई। इस दौरान मुखबिरों से 10 से अधिक संदिग्ध व्यक्तियों की पुख्ता जानकारी जुटाई गई और आगे की जांच शुरू की गई। पुलिस ने पारडी GIDC की कंपनियों में काम करने वाले मजदूरों की अनुपस्थिति का रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया। घटना स्थल के पास स्थित रेलवे ट्रैक पर भी जांच के लिए GRP (रेलवे पुलिस) की अलग से मदद ली गई। रेलवे ट्रैक के पास से कुछ कपड़े और एक बैग बरामद हुए। पुलिस ने इन कपड़ों और बैग का इस्तेमाल करने वालों की पहचान और उनकी तलाश शुरू किया था जो जाँच में मदद मिली.