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भाजपा सरकार होने के बावजूद उसी के विधायकों की शिकायतें कलेक्टर की अध्यक्षता में समन्वय समिति की बैठक में किया.

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सूरत,सूरत जिला सदन में सूरत जिला समन्वय एवं शिकायत समिति की बैठक जिला कलेक्टर डॉ. सौरभ पारधी की अध्यक्षता में आयोजित हुई।

विधायकों और विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित इस बैठक में जिला कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों द्वारा की जाने वाली प्रस्तुतियों का समयबद्ध और प्रभावी निपटारा सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया। विधायकों, पदाधिकारियों और कलेक्टर के बीच आयोजित जिला समन्वय–शिकायत समिति की बैठक में कलेक्टर ने प्रस्तुत मुद्दों का प्रभावी समाधान करने पर जोर दिया। हालांकि भाजपा की ही सरकार होने के बावजूद, उनके ही विधायकों ने शिकायतें कीं कि “अवैध कब्जे हो रहे हैं, राशन कम मिलता है, सुविधा केन्द्रों की संख्या कम है।”

विधायक विनू मोरडिया ने कहा कि राशन की दुकानों पर मिलने वाली वस्तुओं की सूची बाहर बोर्ड पर लगाई जाए। इस पर कलेक्टर ने आपूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए। उन्होंने पंडोळ की डाइंग मिलों द्वारा रात में रसायनयुक्त पानी नाले में छोड़ने तथा शुभलक्ष्मी फास्ट-फूड रेस्टोरेंट के ध्वनि प्रदूषण की समस्या के समाधान की भी मांग रखी।

पूर्णेश मोदी ने बैठक में छोटे बच्चों के लिए नया स्विमिंग पूल बनाने तथा रांदेर क्षेत्र की हेतल नगर सोसाइटी को प्रस्तावित सोसाइटी योजना में शीघ्र शामिल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की।

प्रवीण धोधारिया ने विशेष धारा की जमीन के मामले में, राजस्व विभाग में जमा राशि पूरी हो चुकी है, इसलिए ब्याज माफ करने की मांग की। साथ ही नगर निगम की टैक्स बिल में शिक्षा कर को लेकर स्पष्टता देने की भी मांग रखी।

मनु पटेल ने कहा कि पांडेसरा GIDC में प्रदूषित पानी खाड़ी में छोड़ने वाले यूनिट्स पर सख्त नीति लागू करना जरूरी है। साथ ही खाड़ी पर बढ़ते दबाव को दूर करने की बात भी कही। इस पर कलेक्टर ने GPCB को सैंपल लेकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

अरविंद राणा ने अशांतिधारा के मामलों पर जल्द फैसला देने, वृद्ध सहायता और गंगास्वरूप बहनों को E-KYC करवाने में हो रही कठिनाइयों की शिकायत की।

संगीता पाटिल ने कहा कि लिंबायत में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए नागरिक केंद्र और मामलतदार कार्यालय शुरू किया जाए। अडाजण और कतारगाम में केंद्र बनाए जा सकते हैं, तो लिंबायत में क्यों नहीं?

विधायकों द्वारा की गई प्रमुख प्रस्तुतियाँ

1. विधायक विनोदभाई मोरडिया

  • रेशनिंग दुकानों पर अंत्योदय, BPL और APL-1 कार्डधारकों को मिलने वाली वस्तुओं की सूची दुकान के बाहर बोर्ड पर दर्शाने की मांग की।
  • कलेक्टर ने जिला आपूर्ति अधिकारी को अचानक निरीक्षण करने और बोर्ड नहीं लगाने वाले रेशन दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया।
  • पंडोल औद्योगिक क्षेत्र में डायंग मिलों द्वारा रात में रसायनयुक्त पानी नाले में छोड़ने और लक्ष्मी एन्क्लेव-1 के शुभलक्ष्मी फास्टफ़ूड रेस्टोरेंट से होने वाले शोर और प्रदूषण की समस्या पर समाधान की मांग की।
    इस पर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

2. विधायक पूर्णेशभाई मोदी

  • छोटे बच्चों के लिए नया स्विमिंग पूल बनाने की आवश्यकता बताई।
  • रांदेर क्षेत्र की हेतल नगर सोसाइटी को प्रस्तावित सोसाइटी योजना में जल्द शामिल करने की कार्रवाई तेज करने की मांग की।

3. विधायक मनुभाई पटेल

  • पांडेसरा GIDC क्षेत्र में CTP के अंतर्गत छोटे औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदूषित रासायनिक पानी खाड़ी में छोड़े जाने का गंभीर मुद्दा उठाया।
  • प्रदूषण नियंत्रित करने और छोटे उद्योगों को सहज रूप से व्यापार करने में सहयोग मिले, ऐसी नीति लागू करने की मांग की।
  • कलेक्टर ने GPCB अधिकारियों को नमूने लेकर कार्रवाई का निर्देश दिया।
  • छोटे उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करने को भी कहा।
  • पांडेसरा GIDC क्षेत्र की खाड़ी पर दबाव कम करने हेतु नगर निगम अधिकारियों को जांच और कार्रवाई के आदेश दिए।

4. विधायक प्रवीण धोधारिया

  • विशेष धारा की जमीन के मामले में, राजस्व विभाग में जमा राशि पूर्ण होने के बावजूद बकाया ब्याज माफ करने की मांग की।
  • नगर निगम के वेराबिल में शिक्षा कर से जुड़ी स्पष्टता की भी मांग रखी।

5. विधायक संगीताबेन पाटिल

  • लिंबायत क्षेत्र में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए नागरिक सुविधा केंद्र और सिटी मामलतदार कार्यालय शुरू करने की मांग की।
  • कलेक्टर ने इस संदर्भ में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

6. विधायक अरविंद राणा

  • अशांतिधारा से संबंधित मामलों में तेजी से निर्णय आने की मांग की।
  • वृद्ध सहाय और गंगास्वरूपा बहनों को E-KYC में हो रही कठिनाइयों के समाधान के लिए कदम उठाने पर जोर दिया।
  • इस पर जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि उच्च प्राथमिकता पर कार्रवाई की जाएगी।

जब विधायक सरकार का एक हिस्सा होने के बावजूद अपनी समस्याओं का समाधान नहीं हो पपा रहा है, तो सामान्य जनता की शिकायत सुनने के लिया क्या करें. यह सवाल भी नागरिकों में चर्चा का विषय बना हुआ हैं.

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