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DILR कार्यालय के पूर्व ज़िला निरीक्षक आलमसिंह जीपीसिंह चौहान को आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार

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आय से 128.75% अधिक अनुपातहीन संपत्ति

अपने पद का दुरुपयोग करके भ्रष्ट तरीकों से अवैध संपत्ति अर्जित की थी

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(e), भूमि अधिनियम (संशोधन 2018) की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत अपराध दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी की और कानूनी कार्यवाही शुरू

सुरत,सूरत की DILR (ज़िला भूमि रिकॉर्ड निरीक्षक) कार्यालय के पूर्व ज़िला निरीक्षक आलमसिंह जीपीसिंह चौहान को आय से 128.75% अधिक अनुपातहीन संपत्ति रखने के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार किया, ACB की जांच में पता चला कि आलमसिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करके भ्रष्ट तरीकों से अवैध संपत्ति अर्जित की, जो उनकी आय की तुलना में अधिक थी। आलमसिंह की आय 56.96 लाख रुपये थी, जबकि उन्होंने 1.30 करोड़ रुपये की संपत्ति में निवेश किया था।

सूरत की DILR (ज़िला भूमि रिकॉर्ड) कार्यालय के तत्कालीन ज़िला निरीक्षक आलमसिंह जीपीसिंह चौहान के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने शिकायत दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है। आरोप है अपनी ड्यूटी के दौरान भ्रष्ट तरीकों का सहारा लेकर अपने और अपने आश्रितों के नाम पर अवैध संपत्ति अर्जित किया था,एसीबी को इस मामले में पुख्ता जानकारी मिली थी,जिसके आधार पर उन्होंने आलमसिंह की संपत्ति की जांच शुरू की। जाँच में यह पता चला की आय से अधिक रकम में निवेश कर बेनामी संपत्ति बनाया हैं जिसमें अलग-अलग जाँच किया गया.

जांच के समय एसीबी ने कई दस्तावेजी सबूत और बैंक खातों की जानकारी मिली और सरकारी दफ्तरों से वित्तीय लेन-देन से जुड़ी जानकारियां भी जुटाईं। सबूतों के आधार पर आलमसिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपनी वैध आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी जो भ्रष्टाचार के रूप में क़ानूनी कार्पयवाही आरोपी आलमसिंह ने अपनी वैध आय 56,96,102 रुपये के मुकाबले अपने और अपने परिवार के नाम पर कुल 1,30,99,282 रुपये की नकदी और खर्च किए थे,जो जांच के दौरान पाया गया। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने अपनी आय से 73,33,658 रुपये अधिक संपत्ति अर्जित की थी, जो उनकी आय के मुकाबले 128.75% से अधिक की अनुपातहीन संपत्ति है।

ACB को पुख्ता जानकारी मिलने के बाद आलमसिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जांच में उनके बैंक खाते, संपत्ति और अन्य वित्तीय दस्तावेज़ों की जांच की गई, जिससे पता चला कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके अवैध धन अर्जित किया था। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस निरीक्षक बी.डी. राठवा ने सरकार की ओर से शिकायत दर्ज की और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(e), भूमि अधिनियम (संशोधन 2018) की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत अपराध दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी की और कानूनी कार्यवाही शुरू की।

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