वर्ष 2014 में भेस्तान फायर स्टेशन के निकट एक बड़े परिसर में 640 आवास सुविधाओं से निर्मित 20 भवनों का आवंटन हितग्राहियों को दिया गया था। अधिभोग की गणना के 2 वर्ष के भीतर सरस्वती आवास में पानी रिसाव की समस्या आ गई थी। जबकि सिर्फ मुश्किल से 5 साल में एक-एक करके सभी इमारतें जर्जरित हो गई हैं, लेकिन अब वे सिर्फ एक खंडहर रहा गया हैं। इन आवासों में निर्माण के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाले के संदेह में नगर निगम के कर्मचारियों की देखरेख में आवास घोटाले की रचना को लेकर हुए विवाद की विजिलेंस जांच भी सौंपी गई थी। हालांकि नगर पालिका के अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक बार फिर जांच कमेटी का गठन किया गया है। साथ ही आवास घोटाले की पूरी जांच रिपोर्ट 30 दिन के अंदर पेश करने का विशेष निर्देश जारी किया है.