Home अहमदाबाद श्रीराम भक्ति में डूबा गुजरात, कई अद्भुत भेंट अयोध्या भेजी गईं

श्रीराम भक्ति में डूबा गुजरात, कई अद्भुत भेंट अयोध्या भेजी गईं

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उपहार में दिए गए दीप, अगरबत्ती, बाण, पेन, राम तिलक, गदा, शंख और घड़ी

अहमदाबाद । अयोध्या में भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से देश भर में खुशी की लहर है। इसमें गुजरात के लोगों ने भी धार्मिक आस्था का भरपूर परिचय दिया। इस मौके पर प्रभु श्रीराम के लिए भेंट और सौगातों की झड़ी लगा दी गई है। गुजरात से भी 7 ऐसे उपहार भेजे गए हैं, जिसकी खूब चर्चा हो रही है।

वडोदरा से अयोध्या के लिए 108 फीट लंबी और 3.5 फीट चौड़ी अगरबत्ती भेजी गई है, जिसे वहां प्रज्वलित किया गया। इसकी खुशबू 45 दिनों तक रहेगी। इस अगरबत्ती को बनाने के लिए गुजरात की प्रख्यात गिर गाय के दूध से बना घी, गुगल धूप, जौ, तिल आदि वस्तु का इस्तेमाल किया गया है। इस अगरबत्ती को बनाने के लिए वडोदरा के भरवाड समाज के अग्रणी समेत अन्य रामभक्तों ने 6 महीने की अथक मेहनत की है। इस 3500 किलो वजन की अगरबत्ती का उल्लेख वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।

वडोदरा के ही भक्त अरविंदभाई पटेल ने पंचधातु से 1100 किलो का दीया बनाया है। इसकी ऊंचाई 9.25 फीट और चौड़ाई 8 फीट है। इसमें 851 किलो घी रखने की क्षमता है।
अहमदाबाद के शाहीबाग क्षेत्र में रहने वाले उद्यमी अपेक्षा शाह ने 18 फीट ऊंचा भगवान श्रीराम का तिलक बनाया है। इस फाइबर के राम तिलक को अयोध्या के टेंट सिटी में रखा जाएगा। अपेक्षा शाह ने बताया कि इस राम तिलक में 108 बार भगवान श्रीराम का नाम लिखा गया है।
अहमदाबाद के ही जय भोले ग्रुप ने शक्तिबाण-अजयबाण की प्रतिकृति बनाकर अयोध्या भेजा है। इसे राम मंदिर में 10 जनवरी को स्थापित किया गया है। अंबाजी के अखंड ज्योत समक्ष 51 शक्तिपीठ के पुरोहितों ने शास्त्रोक्त विधि-विधान के साथ इस शक्तिबाण-अजयबाण की पूजा अर्चना की थी। पंचधातु से बने इस बाण की लंबाई 5 फीट और वजन 11.5 किलोग्राम है। इसके अलावा जय भोले ग्रुप ने विशेष प्रकार की चार घड़ियां भेंट की है, जिसमें हनुमानजी के द्वादश नामों का उल्लेख किया गया है। इन घड़ियों की डिजाइनिंग कनाडा में की गई है।
जामनगर से 1.90 लाख रुपये की लागत से बनाया गया अयोध्या में स्थापित भगवान श्रीराम की विशाल प्रतिमा की प्रतिकृति के साथ फाउंटेन हनुमान पेन प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में भेजा गया है। पेन बनाने में 6 महीने का समय लगा, जिसमें ब्रास का उपयोग कर सोना-चांदी की प्लेटिंग की गई है।
सोमनाथ के श्रद्धालुओं ने शास्त्रों के अनुसार पवित्र गदा और शंख भगवान श्रीराम को अर्पित किया है। यह शंख सवा फीट लगा और पौना फीट चौड़ा है। मंदिर के मुख्य पुजारी भावेश गोस्वामी और किशोर बापू स्वामी अय्यर ने बताया कि अम्रि मातेश्वरी हनुमान मंदिर और यहां के सेवक-भक्तों की ओर से यह अद्भुत शंख भेजा गया है।

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