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अनाविल समाज द्वारा सूरत हवाई अड्डे का नाम “श्री मोरारजीभाई देसाई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा” रखने की मांग

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सूरत। सभी अनाविल समाज नेता, पूर्व सांसद, विधायक, अनाविल समाज के विभिन्न संगठनों के अध्यक्ष , उपाध्यक्ष, न्यासी, शिक्षक-डॉक्टर-वकील और सभी राजनीतिक और सामाजिक नेताओं को दर्शन नायक द्वारा सूरत एयरपोर्ट का नाम “श्री मोरारजीभाई देसाई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा” रखने के लिए समाज से एकजुट होने की ‌अपिल की है। दर्शन नायक ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, अनाविल का स्वर्णिम इतिहास, रत्नमय वर्तमान और अमर भविष्य है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हम भरत के वंशज हैं। मर्यादा पुरूषोत्तम राम के हाथों का स्पर्श पाकर हमारी जाति अस्तित्व में आयी। हमारी जाति का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। शायद दुनिया की कोई भी जाति इतनी भाग्यशाली नहीं है जिसे श्री राम ने मान्यता दी हो। लोककथाओं के अनुसार, भगवान श्री राम महुवा तहसिल के अनावल में यज्ञ कर रहे थे और उस समय जो जनोई धारण करता था उसे अनावला कहा जाता था। हम वो अनाविल हैं। अतः यह कहा जा सकता है कि हमारी जाति इस पृथ्वी पर लगभग 7000 वर्षों से अस्तित्व में है। तब से लेकर आज तक हमारे समाज ने इस दुनिया को कई बेहतरीन अनुभव दिये हैं। अनावला की मनोदशा दुनिया के लिए अपरिचित नहीं है। हमारे लिए इतना ही काफी है कि हम अनाविल हैं।’


अनाविल क्या है इसका कोई सवाल ही नहीं है। प्रश्न उठता है तो अनाविल क्या नहीं है? एनाविल किस क्षेत्र में नहीं है? एनाविल ने क्या नहीं दिखाया? अनाविल हर जगह है। अनाविलो ने इस देश के लिए सब कुछ किया है। स्वर्गीय प्रमोदलाल कनैयालाल देसाई, हितेंद्र देसाई, महादेवभाई देसाई जो महात्मा गांधी के निजी गुप्त सचिव थे से लेकर डांग के छोटूभाई नायक, घेलूभाई नायक, भूलाभाई देसाई, दक्षिण गुजरात के मोनजी रुदर तक ऐसे कई नाम हैं जिन्होंने हमारी जाति का नाम रोशन किया है। एलएंडटी के अनिलभाई नायक और उनके जैसे कई अन्य लोग अब अपने क्षेत्र में सर्वोच्च शिखर पर पहुंच चुके हैं। ये सब सच है लेकिन इनमें एक गौरवशाली नाम है श्रद्धेय मोरारजी देसाई का। इस देश के पूर्व प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि एक महान इंसान। वह एक विशाल व्यक्तित्व वाले व्यक्ति रहे हैं। अगर हम उनकी और अन्य अनाविल्स की उपलब्धियां गिनाने बैठें तो ये कोई किताब लिखनी पड़ेगी।


मुख्य बात यह है कि वर्तमान में सूरत को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा प्राप्त है। यह हमारे सभी गुजरातियों के लिए खुशी की बात है। अब सवाल इस एयरपोर्ट के नामकरण का है? क्या इस हवाई अड्डे का नाम मोरारजी देसाई इंटरनेशनल रखा जा सकता है? एक अनाविल के रूप में मुझे 100% लगता है कि इस हवाई अड्डे का नाम एक महान अनाविल मोरारजी भाई देसाई के नाम पर रखा जाना चाहिए। मोरारजी भाई देसाई महान थे, उन्होंने इस देश के लिए बहुत कुछ किया है, इसलिए उनके नाम पर एक हवाई अड्डे का नाम रखा जाना चाहिए। यही उन्हें मिली श्रद्धांजलि का असली मतलब है। हमें राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा। हम थोड़े कड़वे साबित होंगे लेकिन हम समाज के लिए और अगली पीढ़ी के लिए कुछ करेंगे।’ आशा है आपका सहयोग मिलेगा।

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