सूरत, सूरत के मतदाता लोकसभा चुनाव में मतदान के अपने मौलिक अधिकार से वंचित हुए है. एक पार्षद और आम आदमी पार्टी नेता द्वारा अपने अधिकारों के लिए लोगों को जागने के लिए गांधी प्रतिमा के पास धरना प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया गया था. जिसके बाद प्रतिमा के पास नीलेश कुम्भानी की फोटो ‘सोदागर’ के नीचे ‘हमें मिले मतदान के अधिकार का क्या हुआ’ और ‘ऐसे 4 चोर सूरत लोकसभा क्षेत्र में हमारे 19 लाख मतदाताओं के अधिकारों का सौदा कैसे कर सकते हैं?’ ऐसे पोस्टर-बैनर लगा कर धरना प्रदर्शन पर बैठे थे.
प्राप्त जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव में वोट का अधिकार पाने के लिए सूरत के चौक इलाके में गांधी प्रतिमा के पास धरना प्रदर्शन किया गया. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी द्वारा जो किया गया है. उसके फॉर्म रद्द होने के बाद मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकेंगे. जिसको लेकर गांधी प्रतिमा के पास एकजुट होकर धरना प्रदर्शन का आह्वान किया गया था. पुलिस को इसकी जानकारी मिली तो पुलिस द्वारा धरने पर बैठे 10 से 12 लोगों को हिरासत में लिया गया. हिरासत में लिए जाने के कुछ ही घंटो में उन्हें छोड़ दिया गया.
आम आदमी पार्टी नेता दिनेश काछडीया ने कहा, जब लोकशाही में 3-4 लोग बिक जाएं और मतदाताओं को वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया जाए तो लोकतंत्र कैसे संभाला जा सकता है? यह लड़ाई केवल 4 लोगों की नही है. सूरत की लोकसभा सीटों पर जो हुआ उसने लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया है. मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से अपने मतदान के अधिकार की मांग करें. 7 तारीख को लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए ऐसी मांग करना आवश्यक है. यह कितना उचित है कि हम वोट देने के अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकते क्योंकि 3-4 लोग बिक गए हैं. लोकतंत्र में कोई मुझसे वोट देने का अधिकार कैसे छीन सकता है? इसको लेकर बेहद जागरूक रहने की जरूरत है.