सूरत, कोरोना काल में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी कोविशील्ड ने कोर्ट में माना कि उनकी वैक्सीन से लोगों में साइड इफेक्ट होता है, खून जमे होते हैं. जिसके कारण लोगों में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारियाँ हो रही हैं. यह बहस तब शुरू हुई जब लंबे समय से दिल के दौरे पड़ रहे हैं और लोगों की जान जा रही है. संभव है कि कोरोना काल में लिए गए व्यक्ति पर यह विपरीत असर हो, लेकिन इस मामले पर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया. आम तौर पर दिल के दौरे के लिए लोगों की जीवनशैली को जिम्मेदार ठहराया जाता था. जब से साइड इफेक्ट की बात सामने आई है तब से वैक्सीन के मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है. नगरसेविका और सूरत मनपा विपक्ष दंडक रचना हीरपारा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनावी बांड के नाम पर करोड़ों रुपये एकत्र किए हैं और वैक्सीन कंपनी को अरबों का लाभ पहुंचाया है.
आम आदमी पार्टी नगरसेविका और सूरत मनपा विपक्ष दंडक रचना हीरपारा ने कहा कि नगर पालिका की मासिक आम बैठक में यह मुद्दा उठाया गया था कि टीका लेने के बाद लोगों में दिल का दौरा पड़ने की दर बढ़ गई है, जिसके कारण अनगिनत निर्दोष नागरिकों की मृत्यु हो गई है, इस वैक्सीन की जांच होनी चाहिए. जिसे लेकर सत्ताधारी बीजेपी के सदस्यों ने आवाज उठाई और कहा कि आपको संजीव जैसी ही वैक्सीन पर संदेह है, यह प्रधानमंत्री मोदी का भी अपमान है आदि आरोप मुझ पर लगाए गए.
आप के नगरसेविका ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनावी बॉन्ड के नाम पर करोड़ों रुपये इकट्ठा किए और वैक्सीन कंपनी को अरबों का मुनाफा पहुंचाया. लेकिन क्या वह हमारे प्रधान मंत्री से माफ़ी मांगेंगे जिन्होंने देश के लाखों नागरिकों को अनिवार्य टीके लेने के लिए मजबूर किया? इस वैक्सीन की वजह से देश के नागरिकों की जान खतरे में है. लाखों लोगों ने टीका लिया है, जिससे अनकहे दुष्प्रभाव हुए हैं. कई निर्दोष लोगों की जान गई है, इन सबका जिम्मेदार कौन है? मांग है कि नगर पालिका को विशेषज्ञों की एक विशिष्ट समिति बनाकर इस वैक्सीन मामले की गहन जांच करनी चाहिए.