अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 02 Sep 2021 07:57 PM IST
सार
प्रतियोगी छात्रों ने यूपीपीएससी से प्रतीक्षा सूची जारी करने की मांग की है। प्रतियोगियों का कहना है कि आयोग की ओर से कई परीक्षाओं की वेटिंग लिस्ट नहीं जारी की है। तमाम अभ्यर्थी जो ओवरएज हो गए हैं, प्रतीक्षा सूची जारी होने के बाद उनकी नौकरी की आस पूरी हो सकती है।
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प्रतियोगी छात्रों की लगातार मांग के बावजूद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) परीक्षाओं के परिणाम के साथ प्रतीक्षा सूची जारी करने को तैयार नहीं है और इसी वजह से वक्त बीतने के साथ ओवरएज हो रहे अभ्यर्थियों के लिए भविष्य के रास्ते भी बंद होते जा रहे हैं। प्रतीक्षा सूची जारी न होने से पद भी खाली रह जा रहे हैं और अभ्यर्थियों को अगली भर्ती के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। प्रतियोगी छात्रों ने एक बार फिर मुख्यमंत्री और आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर प्रतीक्षा सूची जारी करने की मांग की है।
अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं कि जब अन्य भर्ती संस्थान प्रतीक्षा सूची जारी करते हैं तो आयोग को इससे परहेज क्यों है? पीसीएस समेत आयोग की तमाम परीक्षाओं में कई अभ्यर्थी एक अंक के नजदीकी अंतर से मेरिट से बाहर हो जाते हैं। कभी-कभी यह अंतर दशमलव में होता है। आयोग अगर प्रतीक्षा सूची जारी करता है तो पद रिक्त होने की स्थिति में उन्हें मेरिट में जगह मिल सकती है। प्रतीक्षा सूची जारी न होने से सबसे अधिक नुकसान उन अभ्यर्थियों का है, जो परीक्षा के एक या दो साल बाद ओवरएज होने जा रहे हैं। रिक्त पदों का विज्ञापन जारी होने में काफी समय लग जाता है और अभ्यर्थी ओवरएज होकर नौकरी की दौड़ से हो जाते हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने मुख्यमंत्री और आयोग के अध्यक्ष को लिखे पत्र में इस समस्या से उन्हें अवगत कराया है।
आयोग की परीक्षाओं में पद रिक्त होने के कई कारण भी हैं। अभ्यर्थी आयोग की विभिन्न परीक्षाओं के लिए अलग-अलग आवेदन करते हैं। अगर उनका दो से तीन परीक्षाओं में चयन हो गया तो अभ्यर्थी उच्च पदों पर ज्वाइन कर लेते हैं और अन्य पद रिक्त रह जाते हैं। इसके अलावा आयोग की ओर से जारी किए जा रहे परिणामों में यह लगातार देखने को मिल रहा है कि योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण पद रिक्त रह गए और आयोग को रिक्त पदों पर भर्ती के लिए पुनर्विज्ञापन की संस्तुति करनी पड़ी। अगर आयोग प्रतीक्षा सूची जारी करे तो मेरिट में नीचे स्थान पाने वालों का रिक्त पदों पर चयन हो जाएगा और उन्हें अगले विज्ञापन के लिए इंतजार नहीं करना होगी। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति का मानना है कि रिजल्ट के साथ प्रतीक्षा सूची जारी की जाए तो समय बचेगा, योग्य अभ्यर्थियों का चयन होगा, ओवरएज हो रहे अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी, छात्रों को बार-बार परीक्षा के लिए शुल्क नहीं जमा करना होगा और परीक्षाओं पर होने वाला खर्च भी बचेगा।
विस्तार
प्रतियोगी छात्रों की लगातार मांग के बावजूद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) परीक्षाओं के परिणाम के साथ प्रतीक्षा सूची जारी करने को तैयार नहीं है और इसी वजह से वक्त बीतने के साथ ओवरएज हो रहे अभ्यर्थियों के लिए भविष्य के रास्ते भी बंद होते जा रहे हैं। प्रतीक्षा सूची जारी न होने से पद भी खाली रह जा रहे हैं और अभ्यर्थियों को अगली भर्ती के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। प्रतियोगी छात्रों ने एक बार फिर मुख्यमंत्री और आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर प्रतीक्षा सूची जारी करने की मांग की है।
अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं कि जब अन्य भर्ती संस्थान प्रतीक्षा सूची जारी करते हैं तो आयोग को इससे परहेज क्यों है? पीसीएस समेत आयोग की तमाम परीक्षाओं में कई अभ्यर्थी एक अंक के नजदीकी अंतर से मेरिट से बाहर हो जाते हैं। कभी-कभी यह अंतर दशमलव में होता है। आयोग अगर प्रतीक्षा सूची जारी करता है तो पद रिक्त होने की स्थिति में उन्हें मेरिट में जगह मिल सकती है। प्रतीक्षा सूची जारी न होने से सबसे अधिक नुकसान उन अभ्यर्थियों का है, जो परीक्षा के एक या दो साल बाद ओवरएज होने जा रहे हैं। रिक्त पदों का विज्ञापन जारी होने में काफी समय लग जाता है और अभ्यर्थी ओवरएज होकर नौकरी की दौड़ से हो जाते हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने मुख्यमंत्री और आयोग के अध्यक्ष को लिखे पत्र में इस समस्या से उन्हें अवगत कराया है।
आयोग की परीक्षाओं में पद रिक्त होने के कई कारण भी हैं। अभ्यर्थी आयोग की विभिन्न परीक्षाओं के लिए अलग-अलग आवेदन करते हैं। अगर उनका दो से तीन परीक्षाओं में चयन हो गया तो अभ्यर्थी उच्च पदों पर ज्वाइन कर लेते हैं और अन्य पद रिक्त रह जाते हैं। इसके अलावा आयोग की ओर से जारी किए जा रहे परिणामों में यह लगातार देखने को मिल रहा है कि योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण पद रिक्त रह गए और आयोग को रिक्त पदों पर भर्ती के लिए पुनर्विज्ञापन की संस्तुति करनी पड़ी। अगर आयोग प्रतीक्षा सूची जारी करे तो मेरिट में नीचे स्थान पाने वालों का रिक्त पदों पर चयन हो जाएगा और उन्हें अगले विज्ञापन के लिए इंतजार नहीं करना होगी। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति का मानना है कि रिजल्ट के साथ प्रतीक्षा सूची जारी की जाए तो समय बचेगा, योग्य अभ्यर्थियों का चयन होगा, ओवरएज हो रहे अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी, छात्रों को बार-बार परीक्षा के लिए शुल्क नहीं जमा करना होगा और परीक्षाओं पर होने वाला खर्च भी बचेगा।