Home उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट में लंबित आपराधिक मुकदमे चिंता का विषय – सीजेआई

हाईकोर्ट में लंबित आपराधिक मुकदमे चिंता का विषय – सीजेआई

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सार

उन्होंने कहा कि मुझे हिंदी में विस्तृत भाषण न दे पाने के लिए क्षमा करें क्योंकि मेरी हिंदी अच्छी नहीं है। मैं ज्ञान के लिए जाने जाने वाले इस शहर में आकर खुश हूं। एक ऐसा शहर जहां महात्मा गांधी ने मानव जाति के लिए सबसे शांतिपूर्ण युद्ध की घोषणा की।

Prayagraj News : जस्टिस एनवी रमना, भारत के मुख्य न्यायाधीश।
– फोटो : प्रयागराज

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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का डेढ़ सौ वर्ष पुराना गौरवशाली इतिहास रहा है, इसके द्वारा लिए गए निर्णय इतिहास में मील का पत्थर बन गए। इनमें से एक इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सुनाया गया ऐतिहासिक फैसला था, जिसमें हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया था। 

शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी व अधिवक्ताओं के चैंबर बिल्डिंग के शिलान्यास समारोह में देश के प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय और इसकी बार ने हमें कई महान कानूनी दिग्गज दिए हैं। इस बार ने स्वतंत्रता संग्राम में एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा कि एक वर्ष 1975 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जगमोहनलाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर एक बहुत ही साहसिक निर्णय दिया था, जिससे पूरा देश हिल गया था। इसका सीधा परिणाम आपातकाल की घोषणा का था। 

लंबित आपराधिक मामले चिंता का विषय
चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं इलाहाबाद उच्च न्यायालय में आपराधिक मामलों से संबंधित लंबित मामलों के बारे में कोई उंगली नहीं उठाना अथवा दोष नहीं देना चाहता, जो बहुत चिंताजनक है। हां, मैं इलाहाबाद बार और बेंच से अनुरोध करता हूं कि एक साथ काम करें और इस मुद्दे को हल करने में सहयोग करें। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नए उच्च न्यायालय में इस परिसर की स्थापना इलाहाबाद बार को फिर से सक्त्रिस्य करेगी और लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण की सुविधा प्रदान करेगी। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि मल्टीलेवल पार्किंग सिस्टम सहित नए हाईकोर्ट भवन का निर्माण करते समय महिलाओं और दिव्यांग अधिवक्ताओं की जरूरतों पर विचार किया गया है।

राष्ट्रपति ने दिया लोकहितकारी सुझाव
चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करना राष्ट्रपति का विचार था, जो अब क्रियान्वित किया जा रहा हैैं। मैने सोचा था कि उन्होंने किसी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की होगी। लेकिन वह वास्तव में एक ग्रामीण स्कूल में पढ़ते थे। उन्होंने पहली बार कक्षा 10 में बिजली देखी। उन्होंने राष्ट्रपति को निरंतर प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद दिया। 

न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे में सुधार की प्रशंसा की
चीफ जस्टिस ने  उ.प्र. सरकार द्वारा न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू की हौसलाआफजाई करते हुए कहा कि वे युवा गतिशील केंद्रीय कानून मंत्री हैं, जोकि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं। कानून मंत्री ग्रामीण आबादी के सामने आने वाली कठिनाइयों को समझते हैं। उन्होंने कहा कि हम एनजेआईसी (नेशनल ज्यूडिशियरी इंफ्रास्टक्चर कार्पोरेशन) की स्थापना कर रहे हैं जो सामाजिक रूप से जिम्मेदार और समावेशी वास्तुकला के सिद्धांत द्वारा निर्देशित होगा। 

ज्ञान व कुंभ नगरी में आकर अभिभूत
चीफ जस्टिस ने कहा कि मुझे हिंदी में विस्तृत भाषण न दे पाने के लिए क्षमा करें, क्योंकि मेरी हिंदी अच्छी नहीं है। मैं ज्ञान और कुंभ के लिए जाने जाने वाले इस शहर में आकर अभिभूत हूं। एक ऐसा शहर है, जहां महात्मा गांधी ने मानव जाति के लिए सबसे शांतिपूर्ण युद्ध की घोषणा की थी। 

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का डेढ़ सौ वर्ष पुराना गौरवशाली इतिहास रहा है, इसके द्वारा लिए गए निर्णय इतिहास में मील का पत्थर बन गए। इनमें से एक इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सुनाया गया ऐतिहासिक फैसला था, जिसमें हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया था। 

शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी व अधिवक्ताओं के चैंबर बिल्डिंग के शिलान्यास समारोह में देश के प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय और इसकी बार ने हमें कई महान कानूनी दिग्गज दिए हैं। इस बार ने स्वतंत्रता संग्राम में एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा कि एक वर्ष 1975 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जगमोहनलाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर एक बहुत ही साहसिक निर्णय दिया था, जिससे पूरा देश हिल गया था। इसका सीधा परिणाम आपातकाल की घोषणा का था। 

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