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काशी के डॉ. जगदीश पिल्लई को मिला महात्मा गांधी विश्व शांति सम्मान, बना चुके हैं चार बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड 

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अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी
Published by: हरि User
Updated Wed, 15 Sep 2021 06:33 PM IST

सार

लेखक, समाजसेवी व शोधकर्ता डॉ. जगदीश पिल्लई को उड़ीसा के महात्मा गांधी ग्लोबल पीस फाउंडेशन द्वारा दो साल के लिए विश्व शांति दूत की उपाधि से नवाजा गया है। विगत वर्ष लॉकडाउन में काशी के करीब 56 परिवारों के साथ मिलकर उन्होंने 11551 बार ‘लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु’ लिखकर विश्वभर के लोगों के सुख शांति के लिए प्रार्थना की थी।
 

डॉ. जगदीश पिल्लई को मिला महात्मा गांधी विश्व शांति सम्मान
– फोटो : अमर उजाला

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शिक्षा, कला और खेल के साथ समाजसेवा भी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें काशी ने विश्वस्तर तक अपनी पहचान बनाई है। आज उस पहचान को विश्वस्तर पर एक बार फिर पहचान दिलाई है चार बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके डॉ. जगदीश पिल्लई ने। लेखक, समाजसेवी व शोधकर्ता डॉ. जगदीश पिल्लई को अब तक उनके द्वारा किए गए सेवाओं के आधार पर उड़ीसा के महात्मा गांधी ग्लोबल पीस फाउंडेशन द्वारा महात्मा गांधी विश्व शांति पुरस्कार के साथ दो साल के लिए विश्व शांति दूत की उपाधि से नवाजा गया है। 

डॉ. पिल्लई ने विश्व शांति पहल के तहत 2020 में लॉकडाउन के दौरान काशी के करीब 56 परिवारों के लोगों के साथ मिलकर 11551 बार ‘लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु’ हाथों से लिखकर विश्वभर के लोगों के सुख शांति के लिए प्रार्थना की थी। इसके अलावा डॉ. पिल्लई द्वारा कन्याकुमारी से लेकर काशी तक के 101 लोगों के साथ मिलकर 21 भाषाओं में कोरोना योद्धाओं के सम्मान शुक्रिया नामक एक संगीतात्मक प्रस्तुति की थी। डॉ. पिल्लई की इस उपलब्धि पर उनके दोस्तों और शिष्यों ने उन्हें बधाई दी। वर्तमान में वो श्रीरामचरित मानस को विश्व के सबसे लंबे गीत के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी में हैं।

आदिकाल से ही भारत में प्रत्येक पूजा पाठ एवं अनुष्ठान के अंत में संपूर्ण विश्व की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है। इसे आगे बढ़ाते हुए डॉ. जगदीश पिल्लई ने विगत वर्ष एक मुहिम शुरू की। इसके तहत काशी के करीब 56 परिवार के लोगों ने मिलकर 11551 बार ‘लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु’ प्रार्थना अपने हाथों से लिखकर विश्वभर के लोगों के सुखी रहने की प्रार्थना की थी। छोटे बच्चों से लेकर बड़े व बुजुर्गों तक ने इस मुहिम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। सबको एक हफ्ते में कम से कम 100 बार लिखकर व्हाट्सएप करने को कहा गया था। इस मुहिम के तहत 5001 बार लिखने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन, कुछ लोगों ने 500 एवं 1000 से भी ज्यादा बार लिखा और कुल मिलाकर 11551 बार मंत्र लिखा गया। 

विस्तार

शिक्षा, कला और खेल के साथ समाजसेवा भी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें काशी ने विश्वस्तर तक अपनी पहचान बनाई है। आज उस पहचान को विश्वस्तर पर एक बार फिर पहचान दिलाई है चार बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके डॉ. जगदीश पिल्लई ने। लेखक, समाजसेवी व शोधकर्ता डॉ. जगदीश पिल्लई को अब तक उनके द्वारा किए गए सेवाओं के आधार पर उड़ीसा के महात्मा गांधी ग्लोबल पीस फाउंडेशन द्वारा महात्मा गांधी विश्व शांति पुरस्कार के साथ दो साल के लिए विश्व शांति दूत की उपाधि से नवाजा गया है। 

डॉ. पिल्लई ने विश्व शांति पहल के तहत 2020 में लॉकडाउन के दौरान काशी के करीब 56 परिवारों के लोगों के साथ मिलकर 11551 बार ‘लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु’ हाथों से लिखकर विश्वभर के लोगों के सुख शांति के लिए प्रार्थना की थी। इसके अलावा डॉ. पिल्लई द्वारा कन्याकुमारी से लेकर काशी तक के 101 लोगों के साथ मिलकर 21 भाषाओं में कोरोना योद्धाओं के सम्मान शुक्रिया नामक एक संगीतात्मक प्रस्तुति की थी। डॉ. पिल्लई की इस उपलब्धि पर उनके दोस्तों और शिष्यों ने उन्हें बधाई दी। वर्तमान में वो श्रीरामचरित मानस को विश्व के सबसे लंबे गीत के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी में हैं।


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11551 बार लिखा ‘लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु’ 

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