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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय: 90 कॉलेजों के 32 हजार छात्रों के परिणाम रोके, ये है कारण

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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Tue, 02 Nov 2021 12:05 AM IST

सार

बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमकॉम, एमएससी और अन्य परास्नातक कोर्स के छात्र शामिल हैं। कॉलेजों ने शुरू में शुल्क जमा नहीं कराया, फिर भी इनकी परीक्षाएं करा दी गई।

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला

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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने 90 निजी कॉलेजों के करीब 32 हजार छात्रों का परिणाम रोक दिया है। इन कॉलेजों ने छात्रों का परीक्षा शुल्क विश्वविद्यालय में जमा नहीं कराया है। नोटिस देने के बाद भी शुल्क जमा न करने पर विश्वविद्यालय ने यह कार्रवाई की है। 
परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव ने बताया कि आगरा-अलीगढ़ मंडल के 90 निजी कॉलेज हैं। इनके संचालकों ने 2020-21 सत्र के स्नातक और परास्नातक कोर्स के करीब 32 हजार छात्रों का परीक्षा शुल्क जमा नहीं किया। इसमें बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमकॉम, एमएससी और अन्य परास्नातक कोर्स के छात्र शामिल हैं। कॉलेजों ने शुरू में शुल्क जमा नहीं कराया, फिर भी इनकी परीक्षाएं करा दी गई। इनका परिणाम तैयार कर दिया है, कॉलेज संचालकों को नोटिस देकर शुल्क जमा करने के लिए कहा भी गया है, लेकिन जमा नहीं किया। 

विश्वविद्यालय प्रशासन मान्यता करे निरस्त
समाजवादी छात्र सभा के रवि यादव ने कहा कि छात्र प्रवेश लेते समय परीक्षा शुल्क जमा कर देते हैं, ऐसे में छात्रों का कोई दोष नहीं है। कॉलेज संचालकों पर ही कार्रवाई की जाए। परीक्षा शुल्क जमा न करने वाले कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर देनी चाहिए। 

छात्रों का परिणाम करें जारी
पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गौरव शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय कॉलेजों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। छात्रों का परिणाम रोके जाने से उनके भविष्य पर बन आएगी। कॉलेज संचालकों की गलती की सजा छात्रों का न दी जाए। ऐसे कॉलेजों को काली सूची में डाला जाए।

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विस्तार

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने 90 निजी कॉलेजों के करीब 32 हजार छात्रों का परिणाम रोक दिया है। इन कॉलेजों ने छात्रों का परीक्षा शुल्क विश्वविद्यालय में जमा नहीं कराया है। नोटिस देने के बाद भी शुल्क जमा न करने पर विश्वविद्यालय ने यह कार्रवाई की है। 

परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव ने बताया कि आगरा-अलीगढ़ मंडल के 90 निजी कॉलेज हैं। इनके संचालकों ने 2020-21 सत्र के स्नातक और परास्नातक कोर्स के करीब 32 हजार छात्रों का परीक्षा शुल्क जमा नहीं किया। इसमें बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमकॉम, एमएससी और अन्य परास्नातक कोर्स के छात्र शामिल हैं। कॉलेजों ने शुरू में शुल्क जमा नहीं कराया, फिर भी इनकी परीक्षाएं करा दी गई। इनका परिणाम तैयार कर दिया है, कॉलेज संचालकों को नोटिस देकर शुल्क जमा करने के लिए कहा भी गया है, लेकिन जमा नहीं किया। 

विश्वविद्यालय प्रशासन मान्यता करे निरस्त

समाजवादी छात्र सभा के रवि यादव ने कहा कि छात्र प्रवेश लेते समय परीक्षा शुल्क जमा कर देते हैं, ऐसे में छात्रों का कोई दोष नहीं है। कॉलेज संचालकों पर ही कार्रवाई की जाए। परीक्षा शुल्क जमा न करने वाले कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर देनी चाहिए। 

छात्रों का परिणाम करें जारी

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गौरव शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय कॉलेजों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। छात्रों का परिणाम रोके जाने से उनके भविष्य पर बन आएगी। कॉलेज संचालकों की गलती की सजा छात्रों का न दी जाए। ऐसे कॉलेजों को काली सूची में डाला जाए।

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