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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा / मथुरा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Sat, 27 Nov 2021 12:06 AM IST
सार
ट्रेन संख्या 20848 ऊधमपुर-दुर्ग सुपरफास्ट एक्सप्रेस शुक्रवार दोपहर 1.55 बजे आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से ग्वालियर के लिए रवाना हुई थी। आगरा से चलने के बाद मुरैना के हेतमपुर पर दोपहर सवा तीन बजे ट्रेन के दो एसी कोच में आग लग गई।
दुर्ग एक्सप्रेस के चार डिब्बों में आग लग गई।
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
उधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस की दो बोगियों में आग लगने की घटना के बाद दिल्ली से झांसी की ओर जाने वाली सचखंड एक्सप्रेस, गोवा एक्सप्रेस, गोंडवाना एक्सप्रेस समेत आधा दर्जन ट्रेनों को जहां का तहां रोक दिया गया। झांसी की ओर से आने वाली ताज एक्सप्रेस 2.26 घंटे की देरी से चली। झांसी आगरा एक्सप्रेस सवा दो घंटे तो पुरी-योगनगरी ऋषिकेश अपने निर्धारित समय से पांच घंटे की देरी से चल रही थी। स्टेशन पर यात्रियों की खासी भीड़ जमा हो गई। वेटिंग रूम के अलावा भी प्लेटफॉर्म नंबर एक और दो पर यात्री ट्रेनों का इंतजार करते रहे।
मथुरा में दो घंटे रुकी ट्रेन
अप ट्रैक पर ट्रेनों के रोके जाने से मथुरा में जंक्शन पर महाकौशल एक्सप्रेस को दो घंटे के लिए खड़ा कर लिया गया। लगभग छह बजे ट्रैक चालू किया गया। शुक्रवार को करीब 3 बजकर 05 मिनट पर मुरैना के पास हेतमपुर स्टेशन पर दुर्ग-उधमपुर एक्सप्रेस के दो कोच में आग लग गई। जिससे रेलवे ने अप ट्रैक पर जाने वाली सभी ट्रेनों को जहां तहां रोक दिया। इसी के चलते मथुरा जंक्शन पर महाकौशल एक्सप्रेस करीब दो घंटे तक खड़ी रही। करीब 5 बजकर 53 मिनट पर अप ट्रैक को चालू किया गया। इसके बाद ही महाकौशल आगे बढ़ाई जा सकी। डीआरएम के पीआरओ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि दुर्ग-उधमपुर के कोच में आग लगने से करीब 14 ट्रेन को रोका गया था, जिनमें मथुरा जंक्शन पर महाकौशल को दो घंटे के लिए रोका गया है।
आगरा में स्टेशन पर यात्रियों ने किया इंतजार
नागपुर के किशोर ने बताया कि ट्रेन सवा दो घंटे लेट है। ऐसे में प्लेटफॉर्म पर इंतजार करना पड़ेगा। यात्री अनीता सिंह का कहना था कि प्लेटफार्म पर पीने के पानी की सुविधा नहीं है। पानी खरीदकर ही पीना पड़ रहा है। शालू सिंह ने कहा कि पूछताछ पर रेलवे कर्मी संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। ट्रेन कितना लेट है, इसकी जानकारी भी देने में आनाकानी की जा रही है।
आगरा से भेजा गया स्टार्ट वाहन
हेतमपुर झांसी में ट्रेन की दो बोगियों में अग्निकांड की घटना के बाद आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से स्टार्ट वाहन को भेजा गया। स्टॉर्ट वाहन में आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण होते हैं। यह दुर्घटना राहत ट्रेन का छोटा स्वरूप होता है। इस वाहन को हादसे के तुरंत बाद भेजा गया। इसमें आगरा के कर्मचारी भी घटनास्थल पर पहुंचे।
शताब्दी के पार्सल यान में भी लग चुकी है आग
कोरोना काल के दौरान अप्रैल में शताब्दी एक्सप्रेस के पार्सल यान में अग्निकांड हुआ था। तब रेलवे अधिकारियों ने माना था कि अग्निकांड पार्सल में किसी ज्वलनशील पदार्थ रखने के कारण हुआ। इसके बाद से ही पार्सलों की चेकिंग बढ़ा दी गई थी।
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