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जौनपुर में अनूठा विवाह : संविधान की शपथ लेकर की शादी, कार और दहेज का प्रस्ताव ठुकराया  

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अमर उजाला नेटवर्क, जौनपुर
Published by: गीतार्जुन गौतम
Updated Sat, 27 Nov 2021 10:05 PM IST

सार

जौनपुर में एक अनूठा विवाह संपन्न हुआ। पेशे से शिक्षक वर-वधू ने संविधान की शपथ ले कर एक-दूसरे को पति-पत्नी के रूप में स्वीकार किया। 

जौनपुर में संविधान की शपथ लेते विमल और प्रियंका।
– फोटो : अमर उजाला

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जौनपुर में खलीलपुर गांव के विमल कुमार यादव ने बैरीपुर गांव निवासी प्रियंका के साथ अनूठे ढंग से शादी की।  दोनों ने संविधान की शपथ लेकर एक-दूसरे के सात जन्मों तक रिश्ता निभाने की कसम खाई।
विमल राजनीति विज्ञान विषय से असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। जबकि प्रियंका सहायक अध्यापक।

प्रियंका के परिवार के लोग विमल को कार और दहेज देने को तैयार थे। लेकिन, उन्होंने इस कुप्रथा को तोड़ने का संदेश देने का फैसला किया और अनूठे तरीके से प्रियंका के साथ शादी करने का निश्चय किया। विमल कहते हैं कि आचरण के स्तर पर हम सिर्फ साक्षर हो पाए हैं, शिक्षित नहीं।

शिक्षा से सामाजिक बदलाव होता है। लेकिन हम दहेज जैसी घृणित और अन्य कुप्रथाओं से आज भी घिरे हुए हैं। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उन्होंने एक महत्वपूर्ण पहल की। उन्होंने अपनी ग्राम पंचायत के पंचायत भवन पर पौधरोपण भी किया। कहा कि प्रत्येक नवदंपत्ति को नव जीवन की शुरुआत एक पौधा लगाकर करना चाहिए।

विमल और प्रियंका ने संविधान की शपथ ले कर एक दूसरे को पति-पत्नी के रूप में स्वीकार किया। दोनों को पूर्वांचल विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डा. राकेश कुमार यादव ने शपथ दिलाई। इनका मानना है संवैधानिक मूल्यों के जरिए ही भारतीय समाज को आडंबर विहीन और समतामूलक बनाया जा सकता है। विवाह में परिवारीजन, मित्र तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

विस्तार

जौनपुर में खलीलपुर गांव के विमल कुमार यादव ने बैरीपुर गांव निवासी प्रियंका के साथ अनूठे ढंग से शादी की।  दोनों ने संविधान की शपथ लेकर एक-दूसरे के सात जन्मों तक रिश्ता निभाने की कसम खाई।

विमल राजनीति विज्ञान विषय से असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। जबकि प्रियंका सहायक अध्यापक।

प्रियंका के परिवार के लोग विमल को कार और दहेज देने को तैयार थे। लेकिन, उन्होंने इस कुप्रथा को तोड़ने का संदेश देने का फैसला किया और अनूठे तरीके से प्रियंका के साथ शादी करने का निश्चय किया। विमल कहते हैं कि आचरण के स्तर पर हम सिर्फ साक्षर हो पाए हैं, शिक्षित नहीं।

शिक्षा से सामाजिक बदलाव होता है। लेकिन हम दहेज जैसी घृणित और अन्य कुप्रथाओं से आज भी घिरे हुए हैं। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उन्होंने एक महत्वपूर्ण पहल की। उन्होंने अपनी ग्राम पंचायत के पंचायत भवन पर पौधरोपण भी किया। कहा कि प्रत्येक नवदंपत्ति को नव जीवन की शुरुआत एक पौधा लगाकर करना चाहिए।

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