Home गुजरात सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, 20वें दीक्षांत समारोह में संबोधन

सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, 20वें दीक्षांत समारोह में संबोधन

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अध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू ने कहा- प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में लड़कियों को बढ़ावा देने के लिए संस्थानों को प्रयास करना चाहिए

एसवीएनआईटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करती राष्ट्रपति श्रीमति द्रोपदी मुर्मू

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा मुझे आज सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के इस दीक्षांत समारोह में भाग लेकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मैं सभी पदक विजेताओं और उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देती हूं। दीक्षांत समारोह का दिन, हर संस्थान के लिए ऐतिहासिक होता है। यह प्रत्येक विद्यार्थी के लिए उसके जीवन का यादगार अवसर होता है। आप सब विद्यार्थियों की सफलता के पीछे केवल आपकी कड़ी मेहनत ही नहीं, बल्कि आपके परिवारजन का सहयोग तथा आपके प्राध्यापकों की प्रेरणा और मार्गदर्शन भी शामिल हैं। इसलिए विद्यार्थियों की सफलता में अथक योगदान के लिए मैं, उनके माता-पिता, अभिभावकों, प्राध्यापकों और संकाय सदस्यों को भी शुभकामनाएं और बधाई देती हूं।
“भारत का लौह पुरुष” के रूप में सम्मानित सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर बने इस प्रतिष्ठित संस्थान में आपको अध्ययन करने का अवसर मिला है। सरदार पटेल हमारे देश की एकता के प्रतीक हैं। आप सब सरदार पटेल के जीवन-आदर्शों से दृढ़ निश्चय, समर्पण और संकल्प शक्ति जैसे मूल्य सीख सकते हैं। इन मूल्यों को अपनाकर आप जीवन में कठिन से कठिन लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे।

प्यारे विद्यार्थियो, यह प्रसन्नता का विषय है कि इंजीनियरिंग कालेजों और संस्थानों में आज लड़कियों की संख्या पहले से अधिक है। मैं विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शिक्षा प्राप्त करने और इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए बेटियों की सराहना करती हूँ। आज उपाधि और पदक प्राप्त करने वाली सभी बेटियों को मैं विशेष बधाई देती हूँ। साथ ही मैं यह आग्रह करती हूँ कि सभी NITs मिलकर ऐसे कार्यक्रम, प्रचार या सम्मेलन आयोजित करें, जिससे अधिक से अधिक लड़कियाँ एन्जिनियरिंग और टेक्नोलॉजी संस्थानों में अध्ययन के लिए प्रोत्साहित हों।

अभी हाल ही में एक वुमन स्टार्ट अप के ग्रुप से मैं राष्ट्रपति भवन में मिली थी। वे सभी महिलाएं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ रही हैं। वे देश की प्रगति में भरपूर योगदान दे रही हैं और लोगों को रोज़गार भी प्रदान कर रही हैं। उनसे मिलकर मेरा यह विश्वास और गहरा हो गया है कि देश को विकसित बनाने में महिलाओं की अग्रणी भूमिका रहेगी। सरदार पटेल ने इस विषय में कहा था and I quote: “Women in one way are extremely courageous. Men do not endure the miseries to the extent women do. . . So long as women are not sufficiently educated and inculcated with national spirit, till then there will be no prosperity.” [unquote]

देवियो और सज्जनोमुझे बताया गया है कि उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत एसवीएनआईटी क्षेत्रीय समन्वय संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है। इस संस्थान ने आसपास के कुछ गांवों को गोद लिया है तथा अनुसंधान एवं नवाचारों के माध्यम से उनकी समस्याओं का अर्फोडेबल और सस्टेनेबल समाधान ढूँढने के लिए कार्य कर रहा है। मुझे विश्वास है कि ऐसे प्रयास भी इस सभागार में बैठे युवाओं द्वारा किए जाएंगे।

प्रिय छात्रों मुझे बताया गया है कि आपके संस्थान का आदर्श वाक्य है “विज्ञानं सारथि नः स्यात्” अर्थात विज्ञान को हमारा सारथी होना चाहिए। मैं आपसे आग्रह करती हूं कि इंजीनियर और वैज्ञानिक के रूप में, राष्ट्र निर्माण के लिए अपने तकनीकी कौशल, प्रोब्लेम सोल्वींग स्कील्स और नवीन सोच का उपयोग करने में आप विज्ञान को अपना मार्गदर्शक एवं सारथी बनाएं। आपको न केवल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एन्जिनियरींग सोल्युसन्स खोजने हैं बल्कि नवाचार, दक्षता और समावेश के नए मानक भी स्थापित करने हैं।

मुझे विश्वास है कि आप सब युवा, भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ेंगे। आपको केवल अपनी जोब और केरियर के बारे में ही नहीं सोचना है, बल्कि नए उद्योगों और रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए अपने ज्ञान, एल्युमनी नेटवर्क्स और टेक्नीकल स्कील्स का उपयोग करना है।
आज हर ओर एआई यानि आर्टिफिशियल इन्टीलिजन्स की बात हो रही है। भारत सरकार और राज्य सरकारें एआई टेक्नोलॉजी के लाभ को देशवासियों के विकास के लिए उपयोग में लाने के लिए अनेक कार्यक्रम लागू कर रही है। बड़ी टेक कंपनीस भी भारत की एआई की क्षमता का उपयोग करने के लिए नए प्रोजेक्टस शुरू कर रही हैं। यह आवश्यक है कि एसवीएनआईटी जैसे प्रौद्योगिकी संस्थान देश के ‘एआई स्कील गेप’ को कम करने की दिशा में कोर्पोरेट सेक्टर, एनजीओ और अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलजुल कर काम करें। एआई और मशिन लर्निंग जैसी नवीनतम और तेज़ी से बदलती टेक्नोलोजीस की वैश्विक दौड़ में भारत को आगे बढ़ाने में आप जैसे मेधावी युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। मुझे पूरा भरोसा है कि आप सब इस दिशा में प्रयास करेंगे, और उसमें सफल भी होंगे।

प्रिय विद्यार्थियो, आप अपने परिवार, अपने दोस्तों या अन्य विश्वसनीय लोगों से मार्गदर्शन लेते रहे होंगे। लेकिन आज के बाद आपकी ज़िम्मेदारी कई गुना बढ़ जाएगी। अब से आपके निर्णय और कार्य आपके जीवन पर ही नहीं, बल्कि उस संस्था पर भी प्रभाव डालेंगे जिसमें आप कार्यरत होंगे। अपने आने वाले जीवन और प्रोफेशन के लिए अगर आप आज से ही कुछ आदर्श बना लेंगे तो आगे चलकर आपको सही रास्ते का चुनाव करने में कभी कठिनाई नहीं होगी।

अंत में, आप सब से, मैं यही कहूँगी कि विश्व में चाहे जहां भी आप जाएँ, अपने संस्थान और अपनी जड़ों से सदा जुड़े रहें। आपका यह जुड़ाव आपको और आगे बढ़ने में मदद करेगा, साथ ही जीवन को सार्थक बनाने में भी उपयोगी सिद्ध होगा। अपने परिवार, संस्थान और देश का नाम आप रोशन करें, इसी मंगलकामना के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूँ।

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