न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: उत्पल कांत
Updated Tue, 19 Oct 2021 03:10 PM IST
सार
दुष्कर्म पीड़िता को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में अमरेश सिंह बघेल को वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने 30 सितंबर को बाराबंकी के हैदरगढ़ के डाफी टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया था।
दुष्कर्म के आरोपी घोसी सांसद अतुल राय और पीड़िता के आत्मदाह प्रकरण में गलत जांच रिपोर्ट लगाने के आरोप में वाराणसी जेल में बंद निलंबित डीएसपी (भेलूपुर के पूर्व सीओ ) अमरेश सिंह बघेल को शासन ने बर्खास्त कर दिया। मंगलवार को हुई इस कार्रवाई के बाद से वाराणसी के पुलिस अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।
दुष्कर्म पीड़िता को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में अमरेश सिंह बघेल को वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने 30 सितंबर को बाराबंकी के हैदरगढ़ के डाफी टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया था। एक अक्तूबर को अमरेश सिंह बघेल को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। पढ़ेंः अतुल राय प्रकरण में आईपीएस अफसर समेत कई पर गिरफ्तारी की तलवार, पुलिसकर्मियों की धड़कनें तेज
देवरिया निवासी अमरेश सिंह बघेल ने वाराणसी के भेलूपुर सर्किल में सीओ रहते हुए दुष्कर्म के आरोपी अतुल राय को क्लीन चिट दी थी और मुकदमे में फिर से विवेचना की संस्तुति की थी। इसके बाद पुलिस महकमे में इस पर काफी हो हल्ला मचा तो शासन ने अमरेश सिंह बघेल को निलंबित करते हुए प्रयागराज के आईजी रेंज को जांच सौंपी थी।
अमरेश सिंह बघेल की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी से तत्कालीन पुलिस अफसरों की धड़कनें तेज हो गई है। तत्कालीन काशी जोन के एडीसीपी रह चुके विकास चन्द्र त्रिपाठी भी एसआइटी की जांच के बाद के निलंबित चल रहे हैं। वहीं एसएसपी अमित पाठक पर भी पीड़िता ने काफी आरोप लगाए थे। इसके बाद से गाजियाबाद एसएसपी अमित पाठक को हटाकर मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। दोनों अधिकारियों की जांच चल रही है। पढ़ेंःनिलंबित सीओ को वीआईपी ट्रीटमेंट देने में जुटी रही पुलिस, थानाध्यक्ष सारनाथ ने ढोया बैग
दिसंबर 2020 में निलंबित भेलूपुर के तत्कालीन सीओ अमरेश सिंह बघेल ने बसपा सांसद के प्रभाव में आकर दुष्कर्म पीड़िता के खिलाफ न केवल मिथ्या रिपोर्ट लगाई बल्कि प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में सांसद अतुल के पक्ष में दुष्कर्म पीड़िता के खिलाफ गवाही भी दी थी। दुष्कर्म पीड़िता अंतिम सांस तक वाराणसी पुलिस के साथ ही सीओ अमरेश सिंह बघेल पर आरोप लगाती रही थी।
अपने खिलाफ मुकदमे दर्ज होने और पुलिस द्वारा घेरे जाने से क्षुब्ध होकर ही दुष्कर्म पीड़िता व उसके गवाह साथी ने 16 अगस्त को नई दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह किया था। इसी आधार पर एसआईटी ने जांच की। वाराणसी पुलिस आयुक्त के गोपनीय पत्र पर डीसीपी काशी ने आख्या लगाई और लंका थाने में अमरेश सिंह बघेल पर आत्महत्या के लिए उकसाने सहित लोकसेवक पद की गरिमा धूमिल करने सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज हुआ था। पढ़ेंः निलंबित सीओ की एक रिपोर्ट ने पीड़िता का तोड़ा हौसला, अंतिम सांस तक पुलिस को मानती रही दोषी
विस्तार
दुष्कर्म के आरोपी घोसी सांसद अतुल राय और पीड़िता के आत्मदाह प्रकरण में गलत जांच रिपोर्ट लगाने के आरोप में वाराणसी जेल में बंद निलंबित डीएसपी (भेलूपुर के पूर्व सीओ ) अमरेश सिंह बघेल को शासन ने बर्खास्त कर दिया। मंगलवार को हुई इस कार्रवाई के बाद से वाराणसी के पुलिस अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।
दुष्कर्म पीड़िता को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में अमरेश सिंह बघेल को वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने 30 सितंबर को बाराबंकी के हैदरगढ़ के डाफी टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया था। एक अक्तूबर को अमरेश सिंह बघेल को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
देवरिया निवासी अमरेश सिंह बघेल ने वाराणसी के भेलूपुर सर्किल में सीओ रहते हुए दुष्कर्म के आरोपी अतुल राय को क्लीन चिट दी थी और मुकदमे में फिर से विवेचना की संस्तुति की थी। इसके बाद पुलिस महकमे में इस पर काफी हो हल्ला मचा तो शासन ने अमरेश सिंह बघेल को निलंबित करते हुए प्रयागराज के आईजी रेंज को जांच सौंपी थी।
तत्कालीन अफसरों की धड़कनें हुईं तेज
अमरेश सिंह बघेल – फोटो : amar ujala
अमरेश सिंह बघेल की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी से तत्कालीन पुलिस अफसरों की धड़कनें तेज हो गई है। तत्कालीन काशी जोन के एडीसीपी रह चुके विकास चन्द्र त्रिपाठी भी एसआइटी की जांच के बाद के निलंबित चल रहे हैं। वहीं एसएसपी अमित पाठक पर भी पीड़िता ने काफी आरोप लगाए थे। इसके बाद से गाजियाबाद एसएसपी अमित पाठक को हटाकर मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। दोनों अधिकारियों की जांच चल रही है। पढ़ेंःनिलंबित सीओ को वीआईपी ट्रीटमेंट देने में जुटी रही पुलिस, थानाध्यक्ष सारनाथ ने ढोया बैग
पीड़िता के खिलाफ कोर्ट में दी थी गवाही
सादे कपड़ों में अमरेश सिंह बघेल – फोटो : अमर उजाला
दिसंबर 2020 में निलंबित भेलूपुर के तत्कालीन सीओ अमरेश सिंह बघेल ने बसपा सांसद के प्रभाव में आकर दुष्कर्म पीड़िता के खिलाफ न केवल मिथ्या रिपोर्ट लगाई बल्कि प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में सांसद अतुल के पक्ष में दुष्कर्म पीड़िता के खिलाफ गवाही भी दी थी। दुष्कर्म पीड़िता अंतिम सांस तक वाराणसी पुलिस के साथ ही सीओ अमरेश सिंह बघेल पर आरोप लगाती रही थी।
16 अगस्त को पीड़िता ने किया था आत्मदाह
अपने खिलाफ मुकदमे दर्ज होने और पुलिस द्वारा घेरे जाने से क्षुब्ध होकर ही दुष्कर्म पीड़िता व उसके गवाह साथी ने 16 अगस्त को नई दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह किया था। इसी आधार पर एसआईटी ने जांच की। वाराणसी पुलिस आयुक्त के गोपनीय पत्र पर डीसीपी काशी ने आख्या लगाई और लंका थाने में अमरेश सिंह बघेल पर आत्महत्या के लिए उकसाने सहित लोकसेवक पद की गरिमा धूमिल करने सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज हुआ था। पढ़ेंः निलंबित सीओ की एक रिपोर्ट ने पीड़िता का तोड़ा हौसला, अंतिम सांस तक पुलिस को मानती रही दोषी