‘ससुराल सिमर का…’ से प्रेरित होकर 2 लाख के बीमे के लिए दोस्त की हत्या की, चेहरे को जला डाला
सूरत की सचिन पुलिस ने एक ऐसे चौंकाने वाले हत्या के मामले का खुलासा किया है, जिसमें शुरू में मृतक समझा जाने वाला व्यक्ति ही अपने दोस्त का हत्यारा निकला। ₹2 लाख की बीमा राशि हड़पने और लोन की किस्तों से छुटकारा पाने के लिए, दो ट्रकों के मालिक ने ‘ससुराल सिमर का’ नामक टीवी सीरियल से प्रेरणा लेकर अपने ही 10 साल पुराने दोस्त की हत्या कर दी।
शुरुआत में आरोपी ने खुद के सड़क दुर्घटना में मारे जाने का नाटक रचा था, लेकिन पुलिस ने CCTV फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की मदद से पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने आरोपी, उसकी पत्नी और उसे मदद करने वाले दोस्त को गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

क्या था पूरा मामला?
आरोपी ने पहले खुद के एक्सीडेंट में मारे जाने का नाटक रचा, और जिस लाश को मौके पर पाया गया, उसका चेहरा पूरी तरह से जला दिया गया था, ताकि पहचान न हो सके और पुलिस उसे ही मृत मान ले। लेकिन पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की जांच की, तब पूरा षड्यंत्र उजागर हो गया।
गिरफ्तारी सचिन पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी, उसकी पत्नी और एक अन्य सहयोगी मित्र को गिरफ्तार कर लिया है।
मुख्य उद्देश्य
(1)₹2 लाख का बीमा क्लेम पाना, (2) लोन की किस्तों से छुटकारा (3) बीमा कंपनी और पुलिस को धोखा देना
लेकिन पुलिस को क्या संदेह हुआ?
(1) घटनास्थल से न तो कोई टू-व्हीलर या फोर-व्हीलर के गुजरने के सबूत मिले (2) और न ही किसी पैदल व्यक्ति के निकलने के निशान मिले (3) इसके बाद पुलिस मृतक के घर पहुंची और उसकी पत्नी मीना देवी को मौत की सूचना दी
पत्नी का व्यवहार संदिग्ध निकला:
(1) मीना देवी को पति की मौत पर कोई दुःख या भावुक प्रतिक्रिया नहीं थी (2) उल्टा वह बार-बार पूछ रही थी कि 2 लाख रुपये का बीमा कब मिलेगा?
क्या था पूरा मामला?
बीते 14 जुलाई को सणिया से खंभासला गांव की ओर जाने वाले रास्ते पर, जनकभाई की वाड़ी के पास सार्वजनिक सड़क पर किसी अज्ञात वाहन चालक ने शिवकुमार उर्फ महाराज रामनारायण मिश्रा को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई — ऐसा मामला सामने आया था।
सचिन पुलिस ने इसे दुर्घटना में हुई मौत मानते हुए केस दर्ज कर जांच शुरू की। लेकिन घटनास्थल से कोई दोपहिया या चारपहिया वाहन गुजरने या कोई पैदल व्यक्ति के आने-जाने के सबूत नहीं मिले। जब पुलिस मृतक शिवकुमार के घर उसकी पत्नी मीनादेवी को उसके “दुर्घटना में मौत” की सूचना देने पहुंची, तो उनका प्रतिक्रिया संदिग्ध लगी। पत्नी को पति की मौत का कोई दुख नहीं था, बल्कि वह बार-बार ₹2 लाख की बीमा राशि कब मिलेगी, यही पूछ रही थी। यहीं से पुलिस को शुरुआत से ही शक होने लगा।
CCTV और GPS ट्रैकिंग से खुला राज़
पुलिस ने आसपास के CCTV कैमरों की जांच शुरू की। एक मंदिर के CCTV फुटेज में ट्रक किस दिशा से आया था, इसका सुराग मिला। अलग-अलग टीमें बनाकर पूरे रूट के कैमरों की जांच की गई। जांच के दौरान पता चला कि मृतक शिवकुमार घटना से एक रात पहले पांडेसरा और वडोद में एक व्यक्ति के साथ एक्टिवा पर देखा गया था। इसके अलावा, कडोदरा-बारडोली रोड पर स्थित सर्वोत्तम होटल के पास इंडियन पेट्रोल पंप के कैमरे में मृतक की एक्टिवा और उसकी ट्रक संदिग्ध रूप से देखी गई। ट्रक में मृतक ने डीजल भरवाया और एक अज्ञात व्यक्ति को ट्रक में बैठाकर वहां से रवाना हुआ — ऐसा सामने आया।
मृतक को जीवित देखकर पुलिस भी चौंक गई
मृतक की पत्नी से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसके पति के पास दो सिम कार्ड वाला मोबाइल था और ट्रक में GPS भी लगा हुआ था। पुलिस को एक मिसिंग सिम नंबर भी मिला। जब ट्रक के GPS लोकेशन और मिसिंग सिम नंबर की कॉल डिटेल खंगाली गई, तो पता चला कि शिवकुमार की पुणे में रहने वाले उसके दोस्त मोनू गौतम से बातचीत हो रही थी। इसके बाद सचिन पुलिस ने तुरंत एक टीम को पुणे रवाना किया। जब वहां जाकर जांच की गई, तो पुलिस भी हैरान रह गई, क्योंकि जिसे वे मृतक शिवकुमार उर्फ महाराज रामनारायण मिश्रा समझ रही थी, वह व्यक्ति जीवित मिला।
सीरियल से प्रेरणा लेकर रचा षड्यंत्र
पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गेहलोत ने बताया कि कर्ज के बोझ तले दबे शिवकुमार टीवी सीरियल ‘ससुराल सिमर का’ देखा करता था। इस सीरियल में एक पात्र जीवित होते हुए भी मरा हुआ घोषित कर बीमा राशि हड़प लेता है। इसी से प्रेरणा लेकर शिवकुमार ने अपनी ₹2 लाख की LIC बीमा पॉलिसी की राशि हड़पने और EMI से छुटकारा पाने के लिए यह साजिश रची।
उसने अपने 10 साल पुराने दोस्त देविप्रसाद शिवप्रसाद पाल को निशाना बनाया, जो सूरत में अकेला रहता था और जिसके कोई सगे-संबंधी नहीं थे। 10 जुलाई को सीरियल देखने के बाद उसने यह योजना बनाई और 14 जुलाई को देविप्रसाद को शराब पिलाई। इसके बाद उसे गांव के पास सुनसान जगह पर ले जाकर ट्रक के नीचे लिटा दिया और ट्रक के पिछले टायर को उसके चेहरे पर चढ़ा दिया, ताकि उसकी पहचान न हो सके और उसकी मौत हो जाए। पुलिस ने शिवकुमार उर्फ महाराज रामनारायण मिश्रा, उसकी पत्नी मीनादेवी शिवकुमार उर्फ महाराज रामनारायण मिश्रा और उसे मदद करने वाले पुणे निवासी मित्र मोनू चंद्रबली गौतम को गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
मृतक को जीवित देखकर पुलिस भी चौंक गई
मृतक की पत्नी से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसके पति के पास दो सिम कार्ड वाला मोबाइल था और ट्रक में GPS लगा हुआ था। पुलिस को एक मिसिंग सिम नंबर भी मिला। ट्रक के GPS लोकेशन और मिसिंग सिम नंबर की कॉल डिटेल जांचने पर यह सामने आया कि शिवकुमार की पुणे में रहने वाले उसके दोस्त मोनू गौतम से बातचीत हो रही थी। इसके बाद सचिन पुलिस ने तुरंत एक टीम को पुणे रवाना किया। जब वहां जाकर जांच की गई, तो पुलिस भी हैरान रह गई, क्योंकि जिसे वे मृतक शिवकुमार उर्फ महाराज रामनारायण मिश्रा समझ रही थी, वह व्यक्ति जीवित मिला।
