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ज़ेरोधा के CEO नितिन कामथ पर नागौर में एफआईआर: महिला निवेशक से ₹40,000 मासिक ब्रोकरेज इनकम का वादा कर ठगी का आरोप

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नागौर, 2 अगस्त 2025:ऑनलाइन ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म ज़ेरोधा ब्रोकिंग लिमिटेड के सीईओ नितिन कामथ के खिलाफ नागौर के कोतवाली थाना में एक गंभीर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर संख्या 0242/2025, दिनांक 30 जुलाई 2025 को दायर की गई, जिसे दयाल कॉलोनी, राठौड़ी कुआं निवासी ज्योत्सना पत्नी प्रदीप बारिया ने दर्ज करवाया है।

🧾 शिकायत का सार:

आरोप है कि ज़ेरोधा की ओर से एक लिंक (ZMPHLZ कोड) के ज़रिए महिला को डिजिटल माध्यम से जोड़ा गया।उसे हर महीने ₹40,000 ब्रोकरेज आय का वादा किया गया था — यह राशि उसके नाम से की जा रही ट्रेडिंग से अर्जित की जानी थी। शुरुआत में थोड़ा-बहुत मुनाफा दिखाकर विश्वास बनाया गया, फिर और अकाउंट एक्टिवेशन और मेंटेनेंस के नाम पर कार्य करवाए गए।लेकिन कुछ समय बाद न ही कोई ब्रोकरेज आय दी गई, न ही कोई जवाब मिला।महिला ने ज़ेरोधा कस्टमर केयर, SEBI और अन्य मंचों पर शिकायत की, पर कहीं से कोई संतोषजनक समाधान नहीं मिला। आखिरकार नागौर पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई गई।

⚖️ दर्ज धाराएं:

इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आईटी अधिनियम के तहत निम्न धाराएं जोड़ी गई हैं:

BNS 318(4): विश्वासघात कर आर्थिक शोषण

BNS 316(2): धोखाधड़ी से धन की हानि

BNS 61(2): आपराधिक मंशा से छल

IT अधिनियम 2023 की धारा 173(3) साथ ही आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को भी जांच में शामिल करने की मांग की गई है।

🕵️‍♂️ पुलिस कार्रवाई:

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। बैंक लेन-देन, चैट्स, लिंक कम्युनिकेशन, और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को टेक्निकल टीम द्वारा जांचा जा रहा है।

📌 क्या है अगला चरण?

यदि आरोपों की पुष्टि होती है, तो यह केस सिर्फ एक कंपनी के सीईओ तक सीमित न रहकर पूरे फिनटेक क्षेत्र की पारदर्शिता और निवेशक सुरक्षा पर राष्ट्रीय बहस को जन्म दे सकता है।

1 COMMENT

  1. मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं । जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
    कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
    रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)

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