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सूरत में शादी समारोह में UP-बिहार की तर्ज पर फायरिंग करने वाला भाजपा कार्यकर्ता उमेश तिवारी सार्वजनिक तौर पर निकाला गया जुलूस

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सूरत के डिंडोली इलाके में शादी समारोह के दौरान फायरिंग करने वाले भाजपा कार्यकर्ता उमेश तिवारी को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद सार्वजनिक रूप से जुलूस निकाला। यह घटना उस वक्त चर्चा में आई जब तिवारी ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से 5 राउंड फायरिंग की, जिससे दो लोग घायल हो गए।

फायरिंग का तरीका UP-बिहार से प्रेरित:

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह फायरिंग का तरीका उत्तर प्रदेश और बिहार की परंपराओं जैसा था, जहां शादी समारोह में हवाई फायरिंग करना आम माना जाता है। हालांकि, गुजरात में ऐसी घटनाएं दुर्लभ हैं और पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया।

पुलिस की सख्त कार्रवाई:

घटना के बाद पुलिस ने तिवारी की गिरफ्तारी की और उसे सबक सिखाने के लिए जुलूस निकाला। यह कदम जनता को संदेश देने के लिए उठाया गया कि कानून तोड़ने वालों के साथ सख्ती बरती जाएगी।

वरघोडे की घटना पर प्रतिक्रियाएं:

उमेश तिवारी भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता है, इसलिए इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। विपक्ष ने इसे सत्ताधारी दल की छवि खराब करने वाला मामला बताया।

सूरत के डिंडोली क्षेत्र के प्रमुख सर्कल के पास स्थित साईं शक्ति सोसायटी में रविवार रात एक शादी समारोह के दौरान डेनिश केक शॉप के मालिक उमेश तिवारी ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से तीन राउंड हवा में फायरिंग की। इस फायरिंग में वहां मौजूद संतोष बधेल और एक अन्य युवक, वीरेंद्र विश्वकर्मा, घायल हो गए। संतोष को पेट में और वीरेंद्र को बाएं पैर में चोट लगी। दोनों को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।

पुलिस की कार्रवाई:

घटना के बाद पुलिस ने उमेश तिवारी को गिरफ्तार किया और इलाके में सार्वजनिक तौर पर उसका जुलूस निकाला। यह कदम फायरिंग जैसी घटनाओं पर सख्त संदेश देने के लिए उठाया गया।

घटना स्थल पर जांच:

पुलिस ने आरोपी उमेश तिवारी को घटना स्थल पर लाकर मौके का पंचनामा किया। बम निरोधक दस्ते को भी बुलाया गया, जिसने पूरी घटना स्थल की जांच की।

संदेह और चर्चा:

  • लाइसेंसी हथियार का दुरुपयोग: उमेश तिवारी डेनिश केक शॉप का मालिक है और उसका बेकरी व्यवसाय है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि उसे हथियार की आवश्यकता क्यों पड़ी।
  • राजनीतिक जुड़ाव: उमेश भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता है, जिससे इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है।
  • सख्त कानूनी कार्रवाई: पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना हो रही है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक दबाव का परिणाम बताया है।

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