“गुजरात पुलिस ने बिहारी युवकों को बांग्लादेशी समझकर पकड़ लिया: आरजेडी महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष के ट्वीट के बाद पुलिस ने दस्तावेज मंगवाए; चारों युवकों को सत्यापन के बाद रिहा किया गया।”
“आरजेडी महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष रितु जयसवाल ने अपने (X) अकाउंट पर कुछ सवाल उठाते हुए बताया कि गुजरात पुलिस द्वारा कुछ संदिग्ध बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और उन्हें अवैध घुसपैठिया बांग्लादेशी बताया जा रहा है, लेकिन यह कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है। इस कार्रवाई में बिहार के भाया गांव के लोगों को पकड़ लिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पोस्ट में पंचायत के सरपंच का एक लिखित पत्र भी साझा किया है, जिसमें चार युवकों के नाम, आधार कार्ड नंबर सहित अन्य जानकारियां दी गई हैं और बताया गया है कि ये सभी भारत के नागरिक हैं और भाया गांव के निवासी हैं।”
“जिन चार युवकों की बात की जा रही है, उनमें मोहम्मद रब्बानी, मोहम्मद नेक मोहम्मद, मोहम्मद मुबारक और मोहम्मद आज़म के नाम शामिल हैं। इन सभी युवकों को अहमदाबाद से पकड़ा गया था।
‘बिहार के निर्दोष युवाओं को परेशान न किया जाए’
उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि मेरे विधानसभा क्षेत्र, परिहार विधानसभा के भाया पंचायत के कुछ युवक इस कार्रवाई में फंस गए हैं। वे नौकरी के सिलसिले में गुजरात गए थे और उन्हें बांग्लादेशी बताकर हिरासत में लिया गया है। भाया पंचायत के सरपंच ने उनकी पहचान की है और एक पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया है कि ये सभी भारत के नागरिक और बिहार राज्य के निवासी हैं।
“मैं बिहार सरकार से आग्रह करती हूं कि इस मामले में कार्रवाई की जाए और गुजरात सरकार से संपर्क कर यह स्पष्ट किया जाए कि ये सभी युवक निर्दोष हैं और इन्हें परेशान न किया जाए।”**




गुजरात में आज लगभग 500 लोगों को घुसपैठिया बताकर हिरासत में लिया गया है। मीडिया में इसे लेकर तरह-तरह की खबरें चल रही हैं। कोई इन्हें बांग्लादेशी बता रहा है, तो कोई अवैध अप्रवासी। लेकिन दुर्भाग्यवश इस कार्रवाई में मेरे निर्वाचन क्षेत्र परिहार विधानसभा के बाया पंचायत के कुछ नवयुवक भी फंस गए हैं, जो अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए गुजरात गए थे। उन्हें भी बांग्लादेशी कहकर हिरासत में ले लिया गया है। बाया पंचायत की सरपंच ने इन नवयुवकों की पहचान करते हुए, अपने अधिकृत पत्र के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि ये सभी भारत के नागरिक हैं और बिहार राज्य के निवासी हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, मैं बिहार सरकार से आग्रह करती हूं कि वे त्वरित पहल करते हुए गुजरात सरकार से संपर्क स्थापित करें और यह सुनिश्चित करें कि बिहार के किसी भी निर्दोष नवयुवक को परेशान न किया जाए। इन नवयुवकों का अपराध केवल इतना है कि वे परिहार जैसे पिछड़े क्षेत्र के निवासी हैं, जहां आजादी के 77 वर्षों बाद भी रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं हैं, और उन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए बिहार से बाहर जाने को मजबूर होना पड़ता है। मैं सभी संबंधित अधिकारियों से आग्रह करती हूं कि जल्द से जल्द सत्यापन कर इन नवयुवकों को न्याय दिलाया जाए और उन्हें सम्मानपूर्वक रिहा किया जाए। बिहार के मज़दूरों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होना चाहिए।