मध्य प्रदेश सरकार में पीएचई मंत्री संपतिया उईके पर लगे गंभीर आरोप. प्रमुख अभियंता ने पहले दिए जांच के आदेश फिर दी सफाई.
एमपी में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग यानि पीएचई की मंत्री संपतिया उइके जांच के घेरे में आ गई हैं। विभाग ने उनके खिलाफ जांच का आदेश जारी कर दिया है। पीएचई के प्रमुख अभियंता (ईएनसी) संजय अंधवान ने यह आदेश जारी किया। पूर्व विधायक किशोर समरीते ने मंत्री संपतिया उइके की प्रधानमंत्री से शिकायत की थी। उन्होंने संपतिया उइके पर एक हजार करोड़ रुपए कमीशन लेने का आरोप लगाया। समरीते ने शिकायत में कहा कि जल जीवन मिशन के लिए केंद्र द्वारा दिए गए 30 हजार करोड़ रुपए में से मंत्री ने कमीशन की यह राशि ली। इसपर पीएमओ और केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी। इसके बाद पीएचई के प्रमुख अभियंता ने जांच के आदेश दे दिए हैं। विभाग के अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं।
कार्यपालन यंत्रियों के माध्यम से कमीशन लिया
मंत्री संपतिया उईके ने जांच का आदेश जारी होने के बाद इस संबंध में सीएम से शिकायत करने की बात कही। पत्रिका के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस अधिकारी ने आदेश जारी किया है उसे यह अधिकार ही नहीं है। इधर शिकायतकर्ता किशोर समरीते ने कहा है कि प्रधानमंत्री से शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री संपतिया उईके ने विभाग के कार्यपालन यंत्रियों के माध्यम से कमीशन लिया।

प्रमुख अभियंता ने दिए जांच के आदेश
प्रमुख अभियंता (ईएनसी) संजय अंधवान ने इस मामले में प्रधानमंत्री से की गई शिकायत और केंद्र की ओर से मांगी गई रिपोर्ट के बाद जांच के आदेश दिए हैं. प्रमुख अभियंता कार्यालय ने प्रदेश के सभी मुख्य अभियंता पीएचई और परियोजना निदेशक मप्र जल निगम को इस मामले में चिट्ठी लिखकर 7 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है. निर्देश में कहा गया कि राज्य के जल जीवन मिशन को भारत सरकार से मिले 30 हजार करोड़ के खर्च की जांच की जाए. इसके अलावा मंडला के कार्यपालन यंत्री की संपत्तियों की जांच के निर्देश दिए गए हैं.
प्रधानमंत्री को 12 अप्रैल 2025 को मामले की शिकायत
पूर्व विधायक किशोर समरीते ने प्रधानमंत्री को 12 अप्रैल 2025 को मामले की शिकायत करते हुए पत्र भेजा। उन्होंने इसमें लिखा कि मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन की केंद्र द्वारा दी गई 30 हजार करोड़ की राशि में मंत्री संपतिया उइके ने एक हजार करोड़ रुपए का कमीशन लिया है। किशोर समरीते ने ईएनसी बीके सोनगरिया पर भी अपने एकाउंटेंट महेंद्र खरे के माध्यम से कमीशन लेने का आरोप लगाया।
किशोर समरीते ने आरोप लगाया कि प्रदेश में हजारों काम के फर्जी प्रमाण पत्र केंद्र को भेजे गए हैं। सीबीआई जांच कराई जाए तो यह देश का बड़ा घोटाला निकलेगा।
पूर्व विधायक समरीते ने प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र
दरअसल, पूर्व विधायक किशोर समरीते ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक शिकायत पत्र भेजा था. 12 अप्रैल 2025 को भेजे गए इस पत्र में ये शिकायत की गई है कि भारत सरकार की ओर से मध्यप्रदेश राज्य को जलजीवन मिशन में दिए गए 30 हजार करोड़ रुपए के व्यय की जांच की जाए. इसके अलावा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में विभागीय मंत्री संपतिया उइके के अलावा उनके लिए पैसा इकट्ठा करने वाले कार्यापलन यंत्री मंडला की संपत्तियों की भी जांच कराई जाए.
