वापी के चनोद क्षेत्र में स्थित विख्यात चंद्रलोक टावर, जहां दर्जनों दुकानें और व्यवसायिक गतिविधियाँ संचालित होती हैं, इन दिनों एक बड़ी समस्या से जूझ रहा है। टावर के बेसमेंट में कमर तक पानी जमा हो चुका है, जिसकी निकासी अब तक नहीं हो सकी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वहां ‘मांगूर मछलियाँ’ तक देखी जा रही हैं, जो इस बात का संकेत है कि यह जलभराव लम्बे समय से बना हुआ है और गंभीर पर्यावरणीय व स्वच्छता संकट का रूप ले सकता है।

स्थानीय दुकानदारों और निवासियों ने बताया कि लगातार शिकायतों और ध्यानाकर्षण के बावजूद, अब तक किसी भी जिम्मेदार विभाग या स्थानीय निकाय द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस समस्या से न सिर्फ व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि इमारत की संरचनात्मक सुरक्षा और स्वास्थ्य संकट भी मंडरा रहा है।
अब आवश्यकता है कि संबंधित जिम्मेदार तंत्र — नगर पालिका, निर्माण प्रबंधन संस्था, या भवन स्वामित्व समिति — तत्काल संज्ञान लें और स्थायी समाधान की दिशा में कदम बढ़ाएं। जलनिकासी की उचित व्यवस्था, नियमित सफाई, और जलभराव की रोकथाम के उपाय इस समय की प्राथमिक आवश्यकता हैं।