अगस्त महीने में अहमदाबाद ACB कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
सूरत के बिल्डर शैलेश भट्ट का अपहरण कर 176 बिटकॉइन ट्रांसफर करवाने और 32 करोड़ की फिरौती मांगने के मामले में भाजपा के पूर्व MLA नलिन कोटडिया सहित 14 आरोपियों को दोषी ठहराकर अहमदाबाद ACB कोर्ट ने आजीवन कैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में सभी दोषियों ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील दायर कर फैसले को चुनौती दी है, साथ ही जमानत अर्जी भी लगाई थी। इनमें से गुजरात हाईकोर्ट ने आदेशों के अनुसार काम करने वाले 9 पुलिस कॉन्स्टेबल—विजय वाधेर, बाबू डेर, संजय पद्मणी, मयूर मांगरोलिया, प्रताप डेर, जगदीश झणकाट, सुरेश खुमाण, नूर शिरामाण और उमेदकुमार मेहता—को जमानत दी है। उल्लेखनीय है कि नूर शिरमाण का कैंसर से निधन हो चुका है।

शैलेश भट्ट ने गांधीनगर में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच CID क्राइम को सौंपी गई। CID ने अपनी जांच में अमरेली LCB के पूर्व PI अनंत पटेल, SP जगदीश पटेल और भाजपा के पूर्व विधायक नलिन कोटडिया सहित 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया और अदालत में कुल 6 चार्जशीट दायर की थीं। 2018 में सूरत के बिल्डर शैलेश भट्ट द्वारा फिरौती की शिकायत दर्ज कराई गई थी। उन्होंने एक फाइनेंस कंपनी में बिटकॉइन में निवेश किया था, जिसमें उनका पैसा डूब गया था। इसके बाद उन्होंने कंपनी के मालिक और कर्मचारियों का अपहरण कर पैसे वापस मांगे थे। उन्होंने अपनी टीम के साथ BitConnect Ltd. के कर्मचारी और अधिकारी का अपहरण कर उनसे बिटकॉइन, लाइटकॉइन और करोड़ों रुपए ऐंठे थे।












