Home Blog एक गिरोह ने 12 दिनों में 2 युवकों को हनीट्रैप में फंसाया

एक गिरोह ने 12 दिनों में 2 युवकों को हनीट्रैप में फंसाया

24
0
Listen to this article

सूरत के अलग-अलग इलाकों में फ्लैट पर मिलने बुलाया, नकली पुलिस बनकर पैसे ऐंठे।

इस प्रकार के हालत सचीन ,पांडेसरा , डिंडोली, उधना विस्तार में घटनाक्रम में सलंगन, जो अन्य विस्तार में घटना को अंजाम दिया गया.

सूरत में एक ही गैंग द्वारा दो युवकों को अलग-अलग इलाकों में फ्लैट पर बुलाकर हनीट्रैप में फंसाने का मामला सामने आया है। गिरोह ने खुद को फर्जी पुलिस बताकर एक युवक से साढ़े चार लाख रुपये और दूसरे से 85 हजार रुपये ऐंठे। पुलिस ने दंपत्ति समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग युवकों को शारीरिक सुख का लालच देकर फ्लैट पर बुलाते थे और फिर नकली पुलिस बनकर केस करने की धमकी देकर पैसे वसूलते थे। आशंका है कि इस गैंग ने पहले भी कई लोगों को फंसाया है। पुलिस फिलहाल आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

पहला मामला: कतारगाम में हुआ हनीट्रैप केस

32 वर्षीय युवक, जो नाना वराछा क्षेत्र में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाता है, को 21 नवंबर को दोपहर 2:30 बजे दक्षा नाम की महिला ने मिलने के बहाने कतारगाम स्थित नीलकंठ सोसाइटी के मकान में बुलाया। युवक जब मकान में पहुंचा, तो वहां दो महिलाएं पहले से मौजूद थीं। तभी तीन अज्ञात व्यक्ति कमरे में आए और खुद को पुलिस बताकर युवक से पूछा कि वह वहां कितने समय से आ रहा है। इसके बाद युवक के गाल पर दो-तीन थप्पड़ मारे और दो लाख रुपये की मांग की।आखिरकार काफी बहस के बाद युवक को खोडल कृपा मेडिकल स्टोर पर ले जाकर उसके खाते से पैसे ट्रांसफर करवाए गए। आरोपियों ने युवक से 85 हजार रुपये ऐंठकर मौके से फरार हो गए। युवक को बाद में एहसास हुआ कि उसे हनीट्रैप में फंसाया गया है, जिसके बाद उसने मामले की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर कतारगाम पुलिस ने इस गैंग के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने पार्थ ढोला, दक्षा अकोलिया, जयश्री बोराड और दिव्या तलाविया को गिरफ्तार किया। इनमें दक्षा और जयश्री दोनों विधवा हैं।

कतारगाम की शिकायत के बाद सामने आया दूसरा पीड़ित

कतारगाम में हनीट्रैप के आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर सुनकर एक और पीड़ित सामने आया, जिसने इसी गैंग द्वारा फंसाए जाने की शिकायत दर्ज कराई। जांच में खुलासा हुआ कि 12 दिनों के भीतर कतारगाम और कुंभारिया गांव में यह गैंग दो युवकों को अपना शिकार बना चुकी थी। जहांगीरपुरा क्षेत्र में रहने वाले और सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले 35 वर्षीय विवेक (बदला हुआ नाम) को उसी कंपनी के एक सहकर्मी ने दक्षा अकोलिया नाम की महिला का नंबर दिया था। उस सहकर्मी ने बताया कि यह महिला शारीरिक सुख प्रदान करने की सुविधा देती है।

3 दिसंबर को विवेक ने इस महिला को वीडियो कॉल किया, जिसमें उसने एक महिला दिखाई और शारीरिक सुख पाने के लिए कुंभारिया गांव स्थित ईश्वर दर्शन अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल के एक फ्लैट पर आने को कहा। विवेक वहां पहुंचा, जहां उसे उस महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए बुलाया गया था। इसके बदले 1000 रुपये लिए गए और उसे एक कमरे में भेजा गया।

महिला के साथ कमरे में जाते ही नकली पुलिस आ धमकी।

महिला और युवक जैसे ही कमरे में पहुंचे, कुछ ही मिनटों बाद चार लोग अंदर घुस आए। उनमें से एक व्यक्ति ने कहा, “हम सूरत पुलिस से हैं। हमें सूचना मिली है कि यहां अवैध काम हो रहा है। तुम्हारे खिलाफ FIR दर्ज करनी है।” यह कहते हुए उन्होंने युवक का मोबाइल छीन लिया। दूसरे व्यक्ति ने कहा, “हम मीडिया को बुला लेंगे, अब तुम जेल जाओगे।” तीसरे व्यक्ति के हाथ में एक नोटपैड था, उसने युवक से पूछा, “तुम्हारा नाम क्या है? कहां रहते हो? क्या काम करते हो? यहां क्यों आए हो?” और वह कागज पर लिखने लगा।

चौथे व्यक्ति ने युवक को अपशब्द कहते हुए कहा, “तुम ऐसा गंदा काम करते हो, तुम्हें शर्म नहीं आती?” इसके बाद उसने युवक के गाल पर दो-तीन थप्पड़ मारे। इसी दौरान दक्षा और दुर्गा नाम की महिलाएं इन नकली पुलिस वालों से कहने लगीं, “साहब, जो भी मामला है, उसे यहीं निपटा दीजिए। जो भी आपका हिसाब-किताब है, वह ले लीजिए और हमें जाने दीजिए।”

इन चारों व्यक्तियों ने आपस में बातचीत करते हुए एक-दूसरे को नाम से पुकारा। इनमें से एक का नाम पार्थ, दूसरे का प्रवीण, तीसरे का मायाभाई और चौथे का माधुरी बताया गया। इसके बाद मायाभाई ने युवक से कहा, “अगर इस मामले को यहीं खत्म करना है तो हमें 10 लाख रुपये देने होंगे।” काफी बहस के बाद युवक ने 4.5 लाख रुपये देने पर सहमति जताई।

युवक को डरा-धमकाकर 4.53 लाख रुपये ऐंठे गए।

युवक के पास इतनी बड़ी रकम नहीं थी, इसलिए इन जबरन वसूली करने वालों ने उसे एटीएम और मनी ट्रांसफर सेंटर पर ले जाकर पैसे वसूले। सबसे पहले वे युवक को परवत पाटिया स्थित एटीएम पर ले गए, जहां उसके कार्ड से 40 हजार रुपये निकाले। फिर उसे हीराबाग मास्टर पे मनी ट्रांसफर ऑफिस ले जाया गया, जहां से 2.02 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए गए। इसके बाद बड़े वराछा स्थित मनी ट्रांसफर ऑफिस में ले जाकर 2.10 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए।

महेश ने हनीट्रैप के लिए अपनी पत्नी को भी गैंग में शामिल किया था

सारोली पुलिस ने गैंग के खिलाफ कार्रवाई तेज की और कुछ ही समय में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सूचना के आधार पर महेशभाई मथुरभाई बलदानिया और उनकी पत्नी दुर्गादेवी उर्फ दक्षा महेशभाई मथुरभाई बलदानिया को पकड़ा गया। महेश एक ज्वैलरी डिज़ाइनर के रूप में काम करता है। उसने अपनी पत्नी को भी इस हनीट्रैप गैंग में शामिल कर लिया था। अन्य आरोपियों को पहले ही कतारगाम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिन्हें अब सारोली पुलिस की हिरासत में लेकर आगे की जांच की जाएगी।





LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here