सूरत: सचिन GIDC की यूनियन बैंक में पैसे जमा कराने गए एक युवक को दो ठगों ने शिकार बनाया। ठगों ने युवक को एक रुमाल में कागज़ की गड्डी थमा दी और उसके बदले में 35 हज़ार रुपये लेकर फरार हो गए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या हुआ था मामला?
पुलिस के अनुसार, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले और सूरत के पाली गेम्स महावीर सोसायटी में रहने वाले 33 वर्षीय राम बहादुर राम मनोहर कश्यप, कलाटेक्स कंपनी में ज़री मशीन पर मजदूरी करते हैं। 17 मार्च को वह अपनी और अपनी पत्नी की तनख्वाह यूनियन बैंक में जमा कराने गए थे। राम बहादुर को बैंक की स्लिप भरनी नहीं आती थी, इसलिए वह आसपास के लोगों से मदद मांग रहे थे। तभी वहां दो व्यक्ति आए, जिनमें से एक ने स्लिप भरने में मदद की पेशकश की और दूसरा व्यक्ति पास ही खड़ा रहा। स्लिप भरते वक्त उस व्यक्ति ने राम बहादुर को बताया कि उसके पास 1.40 लाख रुपये नकद हैं और उसका खाता इंडियन बैंक में है। उसका साथी गांव जा रहा है इसलिए उसके पास पैसे जमा कराने का समय नहीं है। उसने राम बहादुर से कहा कि वह उसके पैसे रख ले और बदले में अपने 30-35 हजार रुपये दे दे। राम बहादुर झांसे में आ गया। उन्होंने रुमाल में बंधी नकदी की गड्डी ली और ठगों को 35 हजार रुपये दे दिए। जब संदेह हुआ और उन्होंने रुमाल खोला, तो ऊपर केवल एक असली 500 की नोट थी, बाकी सब कागज़ के टुकड़े थे।

पुलिस ने कैसे पकड़ा आरोपियों को?
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने बैंक और ATM क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने SBI बैंक के ATM के पास से दो आरोपियों – शैलेश उर्फ पिंटू राम शिरोमणि पाठक (निवासी: चंदनवन सोसायटी, शिवजी चौक, विजलपुर, नवसारी, मूल रूप से उत्तर प्रदेश) और संजय उर्फ अमर मिठाई लाल राजभर (उम्र 29, निवासी: रामनगर, विभाग तीन, छपरा रोड, नवसारी, मूल रूप से उत्तर प्रदेश) – को गिरफ्तार किया।
पुलिस इंस्पेक्टर श्री के.ए. गोहिल के मार्गदर्शन में, सर्विलांस स्टाफ के पुलिस सब इंस्पेक्टर श्री एच.आर. पटेल के नेतृत्व में सर्विलांस स्टाफ के एएसआई मोहम्मद इरसाद गुलाम सादिक और अ.हे.को. राहुलकुमार अनंतराव ने तकनीकी निगरानी और मानव स्रोतों के आधार पर कार्रवाई की। इस दौरान, सचिन जीआईडीसी क्षेत्र में सागर होटल के पास एसबीआई बैंक के एटीएम से संबंधित मामले में शामिल दो आरोपियों को (पैसा) माल समेत पकड़ लिया गया।
